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Stock Market: अंतरिम बजट के एक दिन बाद बाजार में उत्साह, रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा Nifty; एनालिस्ट ने दी सलाह

Market Outlook: विश्लेषकों ने कहा कि अनुमान से कम राजकोषीय घाटा और सरकार की कम उधारी से निजी क्षेत्रों के लिए अपने पूंजीगत खर्च में वृद्धि की खातिर जगह बनेगी।

Last Updated- February 02, 2024 | 9:58 PM IST
Nifty 150

सरकार की तरफ से अंतरिम बजट में पेश राजकोषीय अंकगणित से उत्साह के बीच भारतीय इक्विटी बेंचमार्क शुक्रवार को 2 फीसदी तक चढ़ गए। अमेरिका व देसी बॉन्ड यील्ड में नरमी से जोखिम वाली परिसंपत्तियों को लेकर स्वाभाविक इच्छा में इजाफा हुआ। बेंचमार्क निफ्टी कारोबारी सत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया, लेकिन मुनाफावसूली व महंगे मूल्यांकन को लेकर चिंता के कारण अंत में अपनी कुछ बढ़त गंवा दी।

निफ्टी ने 22,127 अंकों की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ और इस तरह से 15 जनवरी के कारोबारी सत्र के अपने पिछले रिकॉर्ड के पार चला गया। निफ्टी 156 अंक चढ़कर 21,854 पर बंद हुआ, वहीं सेंसेक्स 440 अंकों की उछाल के साथ 72,086 पर टिका।

इंडेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान रिलायंस इंडस्ट्रीज का रहा। यह शेयर 2.1 फीसदी चढ़कर 2,913 रुपये पर बंद हुआ। निफ्टी में रिलायंस इंडस्ट्रीज का दूसरा सबसे बड़ा भारांक है।

गुरुवार को पेश आम बजट से निवेशकों के सेंटिमेंट को मजबूती मिली, जिसमें कोई नकारात्मक चीजें नहीं थी और सरकार ने लोकलुभावन कदम उठाने से परहेज किया। केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर में बदलाव नहीं किया और राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.1 फीसदी रखा, जिससे बॉन्ड बाजारों में तेजी आई।

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक व मुख्य निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, चूंकि सरकार कम उधारी लेगी, ऐसे में 10 वर्षीय बॉन्ड का यील्ड नीचे आ गया और निजी पूंजीगत खर्च बहाल करना आसान हो गया। किसी भी देश में जहां 10 वर्षीय बॉन्ड गिरता है तो यह ब्याज दर में कटौती के समान प्रभाव वाला होता है। प्रभावी तौर पर वित्त मंत्री दर कटौती के पहले चक्र के लिए आरबीआई का ध्यान खींच रहे हैं। चुनाव से पहले ब्याज दर में कटौती की काफी संभावना है।

मॉर्गन स्टैनली ने एक नोट में कहा कि उम्मीद से ज्यादा राजकोषीय एकीकरण आर्थिक स्थिरता के लिए अच्छी खबर है लेकिन यह आय पर थोड़ी चोट कर सकता है।

अमेरिकी ब्रोकरेज ने कहा, लंबी अवधि का यील्ड कम रहने की संभावना इक्विटी के लिए बेहतर है। नकदी व निजी क्षेत्र के बैंकों के लिहाज से सरकार की कम उधारी साल की बाकी अवधि और अगले साल के लिए अच्छी खबर है।

विश्लेषकों ने कहा कि अनुमान से कम राजकोषीय घाटा और सरकार की कम उधारी से निजी क्षेत्रों के लिए अपने पूंजीगत खर्च में वृद्धि की खातिर जगह बनेगी।

निफ्टी के नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हुई मुनाफावसूली के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा तेजी को आगे ले जाने वाले देसी निवेशकों को अब घबराहट होने लगी है। उन्होंने कहा, उ‍नमें से ज्यादातर पहली बार के निवेशक हैं और उस सीमा तक वे ग्रीड ऐंड फियर के बीच हैं।

वैश्विक तकनीकी दिग्गजों की मजबूत आय के दम पर अंतरराष्ट्रीय संकेतक अनुकूल रहे। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का यील्ड फिसला और यह 3.8 फीसदी पर कारोबार कर रहा था। चीन के इक्विटी बाजारों में छुट्टियों से पहले बिकवाली के बीच गिरावट आई।

ब्रेंट क्रूड फिसला और 79 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। सप्ताह के दौरान इसमें 5.2 फीसदी की गिरावट आई, जो 6 अक्टूबर 2023 के बाद का सबसे बड़ा साप्ताहिक नुकसान है।

विदेशी निवेशक 70 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे, वहीं देसी संस्थानों ने 2,463 करोड़ रुपये की खरीदारी की।

First Published - February 2, 2024 | 9:58 PM IST

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