PC Jeweller Share Price: वित्त वर्ष 2024-25 के बजट (Budget 2024) के बाद से आयात शुल्क में कटौती से सोने-चांदी (Gold-Silver) की कीमतें गिर रही हैं लेकिन जिस रेट से शुल्क में कटौती की गई उतनी कीमतों में गिरावट देखने को नहीं मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-2025 में सोने और चांदी पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने का ऐलान किया था। अब मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि ड्यूटी में कटौती और मांग बढ़ने के बाद सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी।
इस बीच, एक ऐसी ज्वेलरी कंपनी भी है, जिसके शेयरों में शानदार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। कंपनी का नाम है- पीसी ज्वेलर ( PC Jeweller)। इस कंपनी के शेयर पिछले सप्ताह के सभी कारोबारी दिनों में 5 फीसदी के अपर सर्किट लगने के बाद बंद हो गए। कंपनी के शेयर पिछले कारोबारी दिन ही 19 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ा और जनवरी 2023 के बाद पहली बार सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंचे। NSE पर कंपनी के शेयर इंट्रा डे में अपर सर्किट लग जाने के कारण 85.81 रुपये पर बंद हो गए।
कंपनी के शेयरों ने एक साल में 157 फीसदी का रिटर्न दिया है। यानी निवेशकों ने जितना पैसा लगाया था, उसका डेढ़ गुना सिर्फ मुनाफा हो गया है। जबकि 6 महीने में पीसी ज्वेलर्स के शेयरों में करीब 60 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। 3 महीने में भी इसी चाल में कंपनी के शेयर चले हैं।
जबकि पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों ने 63 फीसदी के करीब और लगातार पांच दिनों तक तेजी बनाए रखने के साथ महज एक हफ्ते में कंपनी के शेयर 22 फीसदी के करीब चढ़े हैं। इसके शेयर 5 जून को छुए गए अपने पिछले महीने के निचले स्तर 44.10 रुपये से 95 फीसदी तक उछल गए हैं।
एक तरफ जहां ज्वेलर्स कस्टम ड्यूटी घटाने के बाद नुकसान का सामना कर रहे हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने ज्वैलर्स से बात की तो पता चला कि वे अपना पुराना स्टॉक निकालने के लिए एक तरफ ज्वेलरी खरीदने पर कई तरह के ऑफर दे रहे हैं तो दूसरी तरफ GST की दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका जाहिर करके ग्राहकों को खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
मगर, जहां तक जीसी ज्वेलर्स की बात की जाए तो कंपनी ने पिछले हफ्ते शेयर बाजार को बताया कि कंपनी ने बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और केनरा बैंक (Canara Bank) द्वारा भेजे गए वन टाइम सेटलमेंट (OTS) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उससे पहले, इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी द्वारा प्रस्तुत OTS प्रस्ताव पर मंजूरी दी थी।
पीसी ज्वेलर ने कहा कि कंपनी ने बकाया चुकाने के लिए OTS का ऑप्शन चुना है। अनुमोदित OTS के नियमों और शर्तों में निपटान के तहत देय नकद (cash and equity components payable under settlement) और इक्विटी कंपोनेंट्स, सिक्योरिटीज की रिहाई और गिरवी संपत्तियां शामिल हैं।
तीन बैंकों, यानी भारतीय स्टेट बैंक (लीड बैंक), करूर वैश्यबैंक और एक्सिस बैंक के इंटर्नल अधिकारियों ने Q4 FY2024 में कंपनी के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी थी। यह प्रस्ताव बाकी के कंसोर्टियम बैंकों के सामने प्राधिकारियों के साथ विचाराधीन है और कंपनी को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी मंजूरी मिल जाएगी।
पिछले ही हफ्ते 14 जुलाई को कंपनी ने ऐलान किया था कि उसने प्रमोटरों और निवेशकों को तरजीही आधार (preferential basis) पर वॉरंट जारी करके 2,705 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। PC Jeweller के वॉरंट लेकर प्रमोटर कंपनी में लगभग 850 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
पीसी ज्वेलर के प्रबंध निदेशक (MD) बलराम गर्ग ने PTI को बताया था, ‘इस रकम का इस्तेमाल मुख्य रूप से बैंक कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा। लगभग 75 फीसदी फंड का इस्तेमाल बैंक कर्ज को चुकाने और बाकी 25 फीसदी कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा।’
इसके अलावा, कंपनी के बोर्ड ने पीसी ज्वेलर्स के एलिजिबल इक्विटी शेयरहोल्डर्स को राइट्स इश्यू के जरिये इक्विटी शेयर जारी करके फंड जुटाने की भी मंजूरी दी थी। कंपनी ने कहा था कि आवश्यक नियामक, वैधानिक और अन्य अनुमोदन (अगर कोई हो) के अधीन इस इश्यू की साइज 1,500 करोड़ रुपये तक होगी।
पीसी ज्वेलर्स के शेयर आने वाले समय में कैसे रहने वाले हैं, यह इस बात पर कहीं ज्यादा निर्भर करेगा कि कंपनी की जून तिमाही की परफॉर्मेंस (Q1FY25 financial performance) कैसी रही है। 8 अगस्त 2024 को पीसी ज्वेलर्स के वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के परिणाम (PC Jeweller Q1 Results 2025 date) आने की तारीख है।
पिछले वित्त वर्ष की बात करें तो कंपनी मार्च 2024 तिमाही (Q4FY24) में पीसी ज्वेलर का घरेलू टर्नओवर घटकर 48.49 करोड़ रुपये रह गया था, जबकि उसके पिछले वर्ष की समान अवधि(Q4FY23) में 173.24 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। उस दौरान कंपनी का नेट मुनाफा (net profit) भी 59.78% घटकर 121.64 करोड़ रुपये हो गया था।