facebookmetapixel
1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Today: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों के बीच कैसी होगी आज शेयर बाजार की शुरुआत?अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजार

Sebi को लगेगा 76,293 करोड़ रुपये का चूना? Sahara India, PACL के पास बड़ा बकाया

SEBI ने 76,293 करोड़ रुपये की बकाया राशि को 'डिफिकल्ट टु रिकवर' (DTR) कैटेगरी में रख दिया है। इस वित्त वर्ष में फंसे पैसों की रकम पिछले साल के मुकाबले 4% ज्यादा है।

Last Updated- August 19, 2024 | 6:14 PM IST
Sebi extends futures trading ban on seven agri-commodities till Jan 2025

SEBI ‘difficult to recover’ catagory: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने मार्च 2024 के अंत तक 76,293 करोड़ रुपये की बकाया राशि को ‘डिफिकल्ट टु रिकवर’ (DTR) कैटेगरी में रख दिया है। इस वित्त वर्ष में फंसे पैसों की रकम पिछले साल के मुकाबले 4 फीसदी बढ़ गई है। इनमें से एक बड़ा हिस्सा कोर्ट की तरफ से नियुक्त की समितियों के पास लंबित मामलों से जुड़ा हुआ है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी PTI ने दी।

डिफिकल्ट टु रिकवर (DTR) वह बकाया रकम होती हैं जिन्हें सभी वसूली के प्रयासों के बाद भी वसूल नहीं किया जा सका। सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2023-24 में कहा कि ‘ऐसी DTR बकाया राशि की अलग-अलग कैटेगरी में बांटना केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, और यह वसूली अधिकारियों को DTR के किसी भी मानदंड में बदलाव होने पर वसूली से नहीं रोकता है।’

कोर्ट में फंसे है कई बड़े मामले

सेबी ने बताया कि उसने 31 मार्च, 2024 तक 807 मामलों को DTR के रूप में पहचाना है, जिनकी कुल बकाया राशि 76,293 करोड़ रुपये है। जबकि, पिछले साल यह रकम 692 मामलों से 73,287 करोड़ रुपये थी। इनमें से 36 मामले राज्य पीआईडी ​​कोर्ट (State PID courts), नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में लंबित हैं, जिनकी राशि 12,199 करोड़ रुपये है।

इसके अलावा, 60 मामले कोर्ट द्वारा नियुक्त समितियों के सामने लंबित हैं, जिनमें 59,970 करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं। कुल लंबित रकम का 95 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं दोनों कैटेगरी यानी कोर्ट या कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई कमेटी के पास फंसा है।

सेबी ने कहा कि जहां तक 140 DTR सर्टिफिकेट का मामला है जो ‘अज्ञात’ श्रेणी (untraceable category) में आते हैं, उनमें से 131 मामले इंडिविजुअल्स से संबंधित हैं और 9 कंपनियों से संबंधित हैं। इंडिविजुअल्स से DTR रकम 13.3 करोड़ रुपये और कंपनियों से 15.7 करोड़ रुपये है।

सेबी 2021-22 से अपनी सालाना रिपोर्ट के माध्यम से वसूली में मुश्किल (DTR) मामलों पर डेटा की जानकारी दे रहा है ताकि इसके प्रवर्तन कार्यों में पारदर्शिता बढ़ सके। 31 मार्च, 2024 तक सेबी ने कुल 6,781 रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किए, जिनमें से 3,871 सर्टिफिकेट लंबित (pending) थे।

कितनी रकम DTR में, कौन-कौन शामिल

कुल मिलाकर, सेबी के पास 1.03 लाख करोड़ रुपये की वसूली करने लायक बकाया राशि है। इसमें वे संस्थाएं शामिल हैं जो उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं कर पाईं। या वे, जिनको सेबी की तरफ से निवेशकों की रकम रिफंड करने को आदेश मिला था, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।

सेबी ने कहा, ‘कुल 1,02,830.75 करोड़ रुपये में से, 63,206 करोड़ रुपये (जो कुल बकाया राशि का 61.5 प्रतिशत है) PACL Ltd और सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सामूहिक निवेश योजना (CIS)/डीम्ड पब्लिक इश्यू (DPI) मामलों से जुड़ा हुआ है।

342 नए मामलों की हुई जांच

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को निर्णय अधिकारी (adjudicating officer) द्वारा लगाए गए दंडों की वसूली का अधिकार है। सेबी ने 2023-24 के दौरान 342 नए मामलों की जांच शुरू की, जो पिछले वित्तीय वर्ष में लिए गए 144 मामलों से कहीं अधिक है।

ये मामले सिक्योरिटीज कानूनों के उल्लंघन से संबंधित थे, जिनमें बाजार में हेरफेर, कीमतों में धांधली और इनसाइडर ट्रेडिंग शामिल थे। सेबी ने कहा, ‘2023-24 के दौरान, अलग-अलग उल्लंघनों से संबंधित 342 मामलों की जांच शुरू की गई और 197 मामलों को पूरा किया गया।’ इनमें से 174 मामले बाजार में इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े थे, 160 बाजार में हेरफेर और कीमतों में धांधली से और बाकी बचे 7 सिक्योरिटीज कानूनों के उल्लंघन से संबंधित थे।

First Published - August 19, 2024 | 5:07 PM IST

संबंधित पोस्ट