भारतीय बाजारों में बुधवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों की शानदार परफॉर्मेंस देखने को मिली। इसके शेयर करीब-करीब 1 साल के भीतर ही इंट्रा डे ट्रेड के दौरान 52 सप्ताह का रिकॉर्ड तोड़ दिए। BSE पर बैंक के शेयरों में 3.78 फीसदी तो NSE पर 4.19 फीसदी का शानदार उछाल देखने को मिला।
बुधवार को 52 सप्ताह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए SBI के शेयर BSE 677.50 और NSE पर 677.95 के लेवर पर पहुंच गए। शेयरों में दमदार उछाल की वजह से ही सरकारी फर्म यानी SBI का बाजार मूल्यांकन भी बढ़ गया। BSE पर SBI का MCap आज 6 लाख करोड़ के लेवल को पार कर 6,02,857.54 करोड़ पर पहुंच गया।
बता दें कि पिछले दो कारोबारी दिनों में से मीडियम टर्म में मजबूत ग्रोथ आउटलुक की वजह से SBI के शेयरों में करीब 4 फीसदी की उछाल दर्ज किया गया। हालांकि सरकारी इंश्योरेंस फर्म LIC का मार्केट कैप (mcap) अभी भी सबसे ज्यादा है।
दिलचस्प बात यह है कि LIC के शेयर भी आज 52 सप्ताह के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इंट्रा-डे ट्रेड के दौरान 1,050.50 के लेवल पर ट्रेड करने लगे थे। बता दें कि BSE पर LIC का MCap आज 6,60,962.26 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
एनालिस्ट के मुताबिक, पीएसयू बैंकों में, SBI के पास एक हेल्दी प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR), पर्याप्त पूंजी (adequate capitalisation) के साथ-साथ बेहतर एसेट क्वालिटी आउटलुक है, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है।
एनालिस्ट का मानना है कि SBI की स्थिर मार्जिन और एसेट क्वालिटी के साथ बिजनेस में ग्रोथ होने की उम्मीद है। जिसकी वजह से बैंक को मुनाफा कमाने में भी मदद मिलेगी।
वित्त वर्ष 24 की दिसंबर तिमाही यानी FY24Q3 में बैंक का नेट मुनाफा सालाना आधार पर (YoY) 35 फीसदी गिरकर 9,164 करोड़ रुपये हो गया। जबकि, पिछले साल की समान तिमाही (FY23Q3) में बैंक का नेट मुनाफा (net profit) 14,205 करोड़ रुपये रहा था।
इसी तरह, चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में SBI की नेट इंट्रेस्ट इनकम (net interest income) बढ़कर 1,06,734 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 86,616 करोड़ रुपये थी।
दिसंबर, 2023 के अंत तक बैंक की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (GNPA) घटकर 2.42 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 3.14 प्रतिशत थी। इसी तरह, तीसरी तिमाही के अंत में नेट NPA भी घटकर 0.64 प्रतिशत हो गया जो पिछले साल 0.77 प्रतिशत था।