भारतीय कंपनी जगत पूंजीगत खर्च के चक्र (capex cycle) का नया चरण शुरू कर सकते हैं। यह मानना है विश्लेषकों का और उनका कहना है कि पूंजीगत खर्च में सुधार से आने वाले समय में औद्योगिक शेयरों की दोबारा रेटिंग होगी।
जेफरीज के विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के विभिन्न पहल से आने वाले समय में पूंजीगत खर्च में इजाफा हो सकता है। उनका कहना है कि इन संकेतकों में वित्त वर्ष 23 के लिए 25 लाख करोड़ रुपये के निजी क्षेत्र की नई परियोजना की घोषणा (जो महामारी पूर्व के स्तर से 150 फीसदी ज्यादा है) और क्रेडिट में करीब 16 फीसदी की वृद्धि शामिल है, जो महामारी के पूर्व के उच्चस्तर के आसपास है।
जेफरीज के प्रबंध निदेशक (MD) महेश नंदूरकर ने अभिनव सिन्हा व निशांत पोद्दार के साथ लिखे नोट में कहा है, औद्योगिक कंपनियों के ऑर्डर में भी तेजी आई है और इसमें सालाना आधार पर 15 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है जबकि महामारी पूर्व यह 5 फीसदी के निचले स्तर पर था। 73 फीसदी क्षमता का इस्तेमाल हो रहा है, जो ऐतिहासिक औसत से ऊपर है। ये चीजें हमें उम्मीद बंधा रही है कि हम पूंजीगत खर्च के नए चक्र में प्रवेश कर रहे हैं।
एक्सचेंजों पर पूंजीगत सामान क्षेत्र के शेयरों में इस कैलेंडर वर्ष में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज हुई है और एसऐेंडपी बीएसई कैपिटल गुड्स इंडेक्स ( S&P BSE Capital Goods index) 12 फीसदी चढ़ा है जबकि इस अवधि में एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स ( S&P BSE Sensex) में करीब 1.5 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक व शोध प्रमुख जी. चोकालिंगम ने कहा, भारत में पूंजीगत खर्च के चक्र की ठीक-ठाक बहाली इस साल आगे होने की उम्मीद है जब भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगा देगा। मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव से न सिर्फ उधारी लागत घटेगी बल्कि यह मांग में भी मजबूती लाएगा। ये सभी चीजें पूंजीगत खर्च की बहाली के लिए बेहतर होंगी। इस थीम पर L&T सबसे अच्छा शेयर बना हुआ है जबकि इसके अलावा सीमेंस, एबीबी, बीएचईएल और एबीबी का मामला भी ऐसा ही है।
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एक्सचेंजों पर लार्सन ऐंड टुब्रो (Larsen & Toubro-L&T) ने सोमवार को 2,366 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया जबकि इससे पहले कंपनी ने 11 अप्रैल 2023 को रिकॉर्ड बनाया था जब उसकी कीमतें 2,329.90 रुपयो के छू लिया था। यह शेयर कैलेंडर वर्ष 23 में अब तक 13 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है और पिछले एक साल में शेयर में 37 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
पिछले दशक के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद में उपभोग की हिस्सेदारी बढ़ने पर उपभोक्ता क्षेत्र के शेयरों की दोबारा रेटिंग हुई, ऐसे में जेफरीज का कहना है कि FMCG शेयरों का एक साल आगे का पीई 2011 में 20 गुना था, जो अब बढ़कर 50 गुना हो गया है। कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी (ऑटो को छोड़कर) का पीई इस अवधि में 20 गुना से 70 गुना हो गया।
जेफरीज के नोट में कहा गया है, दोबारा रेटिंग की वजह निवेशकों की तरफ से कमजोर होते इन्वेस्टमेंट थीम के बजाय उपभोग थीम को प्राथमिकता दिया जाना है।
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जेफरीज का यह भी मानना है कि उपभोग चक्र से पूंजीगत चक्र में जिस तरह का ट्रेंड देखा गया, वैसे ही पूंजीगत चक्र में सुधार औद्योगिक शेयरों की दोबारा रेटिंग होगी। ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि पूंजीगत खर्च में सुधार वाले थीम में सीमित विकल्प है, खास तौर से बड़े नाम मसलन लार्सन ऐंड टुब्रो, अदाणी और सीमेंट क्षेत्र, जो ईएसजी की समस्या से भी जूझ रहे हैं।
जेफरीज ने कहा, हम औद्योगिक क्षेत्र पर ओवरवेट बने हुए हैं और हमारा पसंदीदा शेयर है एलऐंडटी, थर्मेक्स (Thermax), सीमेंस (Siemens), पॉलीकैब (Polycab), केईआई (KEI) और एबीबी (ABB)।
इनमें से कुछ शेयरों की दोबारा रेटिंग हो चुकी है, लेकिन वित्त वर्ष 23-25 के दौरान आय में सालाना 25 से 30 फीसदी की चक्रवृद्धि की दर से बढ़ोतरी की उम्मीद से ये शेयर उम्दा प्रदर्शन कर सकते हैं, अगर यह पीई टिका रहे।
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आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषक भी पूंजीगत खर्च के चक्र की बहाली वाले थीम पर ओवरवेट बने हुए हैं। L&T, BHEL, Siemens, NTPC, NHPC और ONGC जैसे कुछ शेयरों पर उनका नजरिया तेजी का है। हालिया नोट में ब्रोकरेज ने ये बातें कही थी।