रियल एस्टेट ट्रस्ट (REIT) और इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट्स (InvIT) में म्युचुअल फंडों का निवेश बढ़ा है। कोविड-19 महामारी के बाद से इस निवेश में बड़ा इजाफा दर्ज किया गया है, क्योंकि कई नई योजनाएं इन नए परिसंपत्ति वर्गों में कुछ आवंटन बरकरार रखे हुए हैं।
प्राइम म्युचुअल फंड्स डेटाबेस (PRIME Mutual Funds Database) द्वारा संकलित आंकड़े से पता चलता है कि म्युचुअल फंडों का रीट और इनविट में निवेश कोविड-19 महामारी के बाद कई गुना बढ़ गया है।
निवेश की वैल्यू मार्च 2020 के अंत में 734 करोड़ रुपये पर थी, जो मार्च 2023 के आखिर तक बढ़कर 5,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
सूचीबद्ध रीट्स और इनविट में म्युचुअल फंड निवेश तेजी से बढ़ने की संभावना है, क्योंकि 3,200 करोड़ रुपये का नेक्सस सलेक्ट ट्रस्ट रीट आईपीओ इस सप्ताह अभिदान (subscription) के लिए खुल रहा है।
रीट्स और इनविट में निवेश करने वाले फंडों की संख्या वर्ष 2020 के 7 से बढ़कर अब 18 पर पहुंच गई है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ (ICICI Prudential MF) और एचडीएफसी एमएफ (HDFC MF) का निवेश मार्च 2023 के अंत तक सर्वाधिक था। यह निवेश 2,002 करोड़ रुपये और 1,459 करोड़ रुपये था।
सात गुना तेजी के बाद भी, इन दो परिसंपत्ति वर्गों में एमएफ निवेश 40 लाख करोड़ रुपये की कुल प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) का महज 0.13 प्रतिशत है। रीट्स और इनविट का आकर्षण भारत में भी अन्य विकसित देशों की तरह तेजी से बढ़ रहा है।
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विश्लेषकों के अनुसार, एमएफ निवेश में वृद्धि वाणिज्यिक रियल एस्टेट के सुधरते वित्तीय मानकों और बुनियादी ढांचे पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने से भी हुई है।
फिसडम (Fisdom) में शोध प्रमुख नीरव करकेरा का कहना है, ‘रीट्स के मामले में, मौजूदा परिसंपत्तियां मुख्य तौर पर वाणिज्यिक रियल एस्टेट से जुड़ी हुई हैं। यदि आप पिछले पांच साल का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि व्यवसाय धीरे धीरे वर्क फ्रॉम ऑफिस पर केंद्रित होने और मॉल में ग्राहकों की आवक बढ़ने से ऐसी परिसंपत्तियों का प्रतिफल तेजी से सुधरा है।’
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एमएफ नियमों में योजनाओं (इक्विटी, डेट, और हाइब्रिड फंड समेत) को अपने पोर्टफोलियो का 10 प्रतिशत तक निवेश रीट्स और इनविट में करने की अनुमति है।
हाल में, एनएसई इंडेक्सेज ने भारत का पहला रीट्स ऐंड इनविट इंडेक्स पेश किया, जिससे म्युचुअल फंडों के लिए सक्रिय रीट और इनविट फंड पेश करने का दायरा बढ़ा है। हालांकि इस सूचकांक को अब महज कुछ सूचीबद्ध रीट्स और इनविट की मौजूदगी की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा है।
रीट्स एमएफ की तरह योजनाएं हैं और ये भूखंड के स्वामित्व वाली फर्म और ट्रस्ट ढांचे की स्थापना से जुड़ी होती हैं। ये कंपनियां कई संपत्तियों की लीज से संबद्ध हो सकती हैं। रीट्स पारंपरिक तौर पर किसी परिसंपत्ति पर मालिकाना हक बनाए बगैर पोर्टफोलियो में रियल एस्टेट होल्डिंग के उपयुक्त तरीके के तौर पर उभरी हैं।