विस्तारा में पायलटों का संकट पैदा होने की खबरों के बाद किफायती एयरलाइन इंडिगो का शेयर चढ़ गया। इस घटनाक्रम से कुछ चुनिंदा मार्गों पर हवाई किराया भी लगभग 25 प्रतिशत तक बढ़ गया। इंडिगो का शेयर 2 अप्रैल, 2024 को 3685 रुपये के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था और अप्रैल में अब तक इसमें 2.4 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। इस अवधि में सेंसेक्स 1.4 प्रतिशत चढ़ा है।
हालांकि विस्तारा ने उड़ान परिचालन घटाने का निर्णय लिया लेकिन खबरों से पता चला है कि एयरलाइन अब सामान्य स्थिति में लौटने के लिए काम कर रही है। विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में इंडिगो के लिए अल्पावधि परिदृश्य थोड़ा सतर्क बना हुआ है क्योंकि हालात बदल रहे हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह का मानना है, ‘हवाई किराया इस महीने पहले ही बढ़ चुके हैं, जिसका इंडिगो को फायदा होने की संभावना है। टिकट कीमतों में और अधिक वृद्धि पर नियामक सख्ती बरत सकता है।’ हालांकि इक्विनॉमक्स रिसर्च में शोध प्रमुख जी चोकालिंगम का मानना है कि टाटा के स्वामित्व वाली एयरलाइन में संकट का लाभ तेल कीमतों में वृद्धि के जोखिम की वजह से सीमित रह सकता है।
उन्होंने कहा, ‘इंडिगो का पूरे उद्योग में दबदबा है और उसे विस्तारा में पैदा संकट का बहुत ज्यादा लाभ नहीं भी हो सकता है।’
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों से पता चलता है कि इंडिगो की बाजार भागीदारी फरवरी 2024 तक 60.1 प्रतिशत थी जबकि विस्तारा की 9.9 प्रतिशत और एयर इंडिया की12.8 प्रतिशत थी। इस बीच कच्चे तेल की कीमतें 91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं। एक महीने में कच्चा तेल 10.4 प्रतिशत चढ़ा है। कैलेंडर वर्ष 2024 में तेल कीमतें अब तक करीब 18 प्रतिशत चढ़ी हैं।
विश्लेषकों ने निवेशकों को इंडिगो में आंशिक तौर पर मुनाफावसूली का सुझाव दिया है जबकि नए निवेशक लंबी अवधि के नजरिये से शेयर खरीद के लिए बड़ी गिरावट का इंतजार कर सकते हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि इंडिगो लंबी अवधि में बाहरी प्रभावों से बेफिक्र होकर निरंतर आगे बढ़ने में सक्षम है।
ब्रोकरेज ने कंपनी के लिए 4,300 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग दी है। एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2025 में हर सप्ताह कम से कम एक नया विमान शामिल करने की योजना बनाई है।