करीब 2,000 सबसे अमीर भारतीयों के पास 100 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां हैं, जिसका 93 फीसदी सूचीबद्ध फर्मों में उनकी हिस्सेदारी की कीमत है। 360 वन वेल्थ क्रिएटर्स रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बाकी 7 फीसदी परिसंपत्तियां असूचीबद्ध कंपनियों में हैं। चूंकि यह विश्लेषण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरधारिता के आंकड़ों पर आधारित है, ऐसे में इस रिपोर्ट ने सभी असूचीबद्ध फर्मों और ट्रस्टों व निजी इकाइयों के जरिये रखी गई परिसंपत्तियों को शायद कवर नहीं किया होगा।
इसके अलावा रिपोर्ट में बताई गई कुल संपत्ति का करीब 60 फीसदी हिस्सा 50 अग्रणी कारोबारी घरानों के लोगों का है। अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज और अदाणी एंटरप्राइजेज के पास 100 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का 12 फीसदी हिस्सा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के सबसे धनी लोगों की 100 लाख करोड़ रुपये की निवल संपत्ति के अलावा ट्रस्टों (15 लाख करोड़ रुपये) और कॉरपोरेट संस्थाओं (35 लाख करोड़ रुपये) में 50 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति निहित है, जो प्रवर्तक होल्डिंग्स का हिस्सा हैं।
रिपोर्ट में 2,013 ऐसे धन सृजनकर्ताओं की सूची भी शामिल है, जिनकी न्यूनतम निवल संपत्ति 500 करोड़ रुपये है। आकाश अंबानी, अनंत अंबानी और ईशा अंबानी की अगुआई वाली इस सूची में 161 ऐसे व्यक्ति शामिल हैं, जिनकी निवल संपत्ति 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस सूची में 70 फीसदी पुरुष हैं और उनके पास पूरी संपत्ति का 76 फीसदी है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 40 साल से कम आयु के भारत की प्रथम पीढ़ी के उद्यमियों ने ब्रोकिंग और निवेश प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स समाधान, एडटेक और फिनटेक जैसे क्षेत्रों समेत डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ उठाकर धन अर्जित किया है। इन व्यक्तियों द्वारा बनाई गई संपत्ति का करीब 86 फीसदी हिस्सा उनकी प्रमुख कंपनियों से अर्जित किया गया है। सूची में शामिल केवल 30 फीसदी व्यक्ति ही अपनी संपत्ति दो या अधिक कंपनियों से अर्जित करते हैं।