facebookmetapixel
अगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाचुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात: ₹7,616 करोड़ के हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट्स मंजूरBYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: FitchIncome Tax Refund: टैक्स रिफंड अटका हुआ है? बैंक अकाउंट वैलिडेशन करना तो नहीं भूल गए! जानें क्या करें2 साल के हाई पर पहुंची बॉन्ड यील्ड, एक्सपर्ट ने बताया- किन बॉन्ड में बन रहा निवेश का मौकाCBIC ने दी चेतावनी, GST के फायदों की अफवाहों में न फंसे व्यापारी…वरना हो सकता है नुकसान‘Bullet’ के दीवानों के लिए खुशखबरी! Royal Enfield ने 350 cc बाइक की कीमतें घटाई

लगातार 8वें साल चढ़े सूचकांक, 8 साल में 243 फीसदी बढ़ गया BSE का एमकैप

2023 में सेंसेक्स 18.7 फीसदी और निफ्टी 20 फीसदी चढ़े। दोनों लगातार आठवें साल बढ़े हैं, जो भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहला मौका है।

Last Updated- December 29, 2023 | 10:38 PM IST
share market

भारत के शेयर बाजार 2023 में सबको हैरत में डालते हुए चढ़े और कुल बाजार पूंजीकरण (एमकैप) के मामले में नया रिकॉर्ड बना गए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल एमकैप 2023 में और भी बढ़ा और 82 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 364.3 लाख करोड़ रुपये हो गया। बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण 2016 में 106.2 लाख करोड़ रुपये था और 8 साल में यह 243 फीसदी बढ़ गया है।

2023 में सेंसेक्स 18.7 फीसदी और निफ्टी 20 फीसदी चढ़े। दोनों लगातार आठवें साल बढ़े हैं, जो भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहला मौका है। इससे पहले 1988 से 1994 तक सूचकांक लगातार चढ़े थे। पिछले पांच में से चार साल में भारतीय सूचकांकों की बढ़त दो अंकों में रही है।

इस साल निफ्टी मिडकैप 100 में 46.6 फीसदी और निफ्टी स्मॉल कैप 100 में 55.6 फीसदी बढ़त दर्ज की गई।

विदेशी बाजारों की बात करें तो अमेरिका (एसऐंडपी500 और नैस्डैक), जापान, जर्मनी, ताइवान तथा ब्राजील के बाजारों को भारतीय बाजार के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिला। मगर भारत ने चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, फ्रांस और कई दूसरे बाजारों से ज्यादा रिटर्न दिया।

एमएससीआई वर्ल्ड इंडेक्स भारतीय सूचकांकों से मामूली बेहतर रहा और 22 फीसदी बढ़ा, लेकिन एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स केवल 6.95 फीसदी चढ़ा।

बाजार पूंजीकरण में यह इजाफा उस साल हुआ, जब ब्याज दर की चाल पर ऊहापोह रही, बॉन्ड यील्ड बढ़ी, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष छिड़ा और अमेरिका में बैंकिंग संकट आया। इन सब संकटों के बाद भी भारत की वृहद स्थिरता, कंपनियों की आय और देसी संस्थागत निवेशकों तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से तगड़ा निवेश आने के कारण भारतीय बाजारों को बढ़त बनाने में मदद मिली।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के तेवर नरम होने और पांच राज्यों में से तीन में भाजपा की जीत से भी बाजार परवान चढ़ गया।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) एस नरेन ने कहा, ‘चुनावी साल की अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की वृहद आर्थिक बुनियाद चमकीली तस्वीर दिखा रही है। आज भारत उन गिने-चुने देशों में है, जिनके वृहद कारक स्थिर हैं, बैंकिंग क्षेत्र मजबूत है और कंपनियों पर कम कर्ज है।’

मगर तेज बढ़त के बाद मूल्यांकन अधिक होने की चिंता भी हैं। निफ्टी का अगले एक साल का प्राइस टु अर्निंग रेश्यो 20.2 है, जबकि पांच साल का औसत 19.0 ही रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 26.8 पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसका पांच साल का औसत 23.3 रहा है। इसी तरह निफ्टी स्मॉलकैप 100 का पांच साल का औसत 16.9 है मगर यह 21.1 पर कारोबार कर रहा है।

नरेन ने कहा, ‘बाजार श्रेणियों की बात करें तो कोई भी सस्ती नहीं है मगर तुलना करें तो लार्ज कैप बेहतर स्थिति में हैं। नया निवेश करना है तो फ्लेक्सिकैप, मल्टीकैप या लार्जकैप ठीक रहेंगे।’

First Published - December 29, 2023 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट