facebookmetapixel
श्रम कानूनों के पालन में मदद के लिए सरकार लाएगी गाइडबुकभारत-ओमान CEPA में सामाजिक सुरक्षा प्रावधान पर होगी अहम बातचीतईयू के लंबित मुद्दों पर बातचीत के लिए बेल्जियम जाएंगे पीयूष गोयलअनुकूल महंगाई दर ने खोला ब्याज दर कटौती का रास्ता: RBI गवर्नरशुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 8% की बढ़ोतरी, रिफंड घटने से मिला सहाराफाइजर-सिप्ला में हुई बड़ी साझेदारी, भारत में प्रमुख दवाओं की पहुंच और बिक्री बढ़ाने की तैयारीगर्मी से पहले AC कंपनियों की बड़ी तैयारी: एनर्जी सेविंग मॉडल होंगे लॉन्च, नए प्रोडक्ट की होगी एंट्रीमनरेगा की जगह नए ‘वीबी-जी राम जी’ पर विवाद, क्या कमजोर होगी ग्रामीण मजदूरों की ताकत?1 फरवरी को ही आएगा 80वां बजट? रविवार और रविदास जयंती को लेकर सरकार असमंजस मेंसिनेमाघरों में लौटी रौनक: बॉक्स ऑफिस पर 11 महीनों में कमाई 18% बढ़कर ₹11,657 करोड़ हुई

लगातार 8वें साल चढ़े सूचकांक, 8 साल में 243 फीसदी बढ़ गया BSE का एमकैप

2023 में सेंसेक्स 18.7 फीसदी और निफ्टी 20 फीसदी चढ़े। दोनों लगातार आठवें साल बढ़े हैं, जो भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहला मौका है।

Last Updated- December 29, 2023 | 10:38 PM IST
share market

भारत के शेयर बाजार 2023 में सबको हैरत में डालते हुए चढ़े और कुल बाजार पूंजीकरण (एमकैप) के मामले में नया रिकॉर्ड बना गए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल एमकैप 2023 में और भी बढ़ा और 82 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 364.3 लाख करोड़ रुपये हो गया। बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण 2016 में 106.2 लाख करोड़ रुपये था और 8 साल में यह 243 फीसदी बढ़ गया है।

2023 में सेंसेक्स 18.7 फीसदी और निफ्टी 20 फीसदी चढ़े। दोनों लगातार आठवें साल बढ़े हैं, जो भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहला मौका है। इससे पहले 1988 से 1994 तक सूचकांक लगातार चढ़े थे। पिछले पांच में से चार साल में भारतीय सूचकांकों की बढ़त दो अंकों में रही है।

इस साल निफ्टी मिडकैप 100 में 46.6 फीसदी और निफ्टी स्मॉल कैप 100 में 55.6 फीसदी बढ़त दर्ज की गई।

विदेशी बाजारों की बात करें तो अमेरिका (एसऐंडपी500 और नैस्डैक), जापान, जर्मनी, ताइवान तथा ब्राजील के बाजारों को भारतीय बाजार के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिला। मगर भारत ने चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, फ्रांस और कई दूसरे बाजारों से ज्यादा रिटर्न दिया।

एमएससीआई वर्ल्ड इंडेक्स भारतीय सूचकांकों से मामूली बेहतर रहा और 22 फीसदी बढ़ा, लेकिन एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स केवल 6.95 फीसदी चढ़ा।

बाजार पूंजीकरण में यह इजाफा उस साल हुआ, जब ब्याज दर की चाल पर ऊहापोह रही, बॉन्ड यील्ड बढ़ी, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष छिड़ा और अमेरिका में बैंकिंग संकट आया। इन सब संकटों के बाद भी भारत की वृहद स्थिरता, कंपनियों की आय और देसी संस्थागत निवेशकों तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से तगड़ा निवेश आने के कारण भारतीय बाजारों को बढ़त बनाने में मदद मिली।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के तेवर नरम होने और पांच राज्यों में से तीन में भाजपा की जीत से भी बाजार परवान चढ़ गया।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) एस नरेन ने कहा, ‘चुनावी साल की अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की वृहद आर्थिक बुनियाद चमकीली तस्वीर दिखा रही है। आज भारत उन गिने-चुने देशों में है, जिनके वृहद कारक स्थिर हैं, बैंकिंग क्षेत्र मजबूत है और कंपनियों पर कम कर्ज है।’

मगर तेज बढ़त के बाद मूल्यांकन अधिक होने की चिंता भी हैं। निफ्टी का अगले एक साल का प्राइस टु अर्निंग रेश्यो 20.2 है, जबकि पांच साल का औसत 19.0 ही रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 26.8 पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसका पांच साल का औसत 23.3 रहा है। इसी तरह निफ्टी स्मॉलकैप 100 का पांच साल का औसत 16.9 है मगर यह 21.1 पर कारोबार कर रहा है।

नरेन ने कहा, ‘बाजार श्रेणियों की बात करें तो कोई भी सस्ती नहीं है मगर तुलना करें तो लार्ज कैप बेहतर स्थिति में हैं। नया निवेश करना है तो फ्लेक्सिकैप, मल्टीकैप या लार्जकैप ठीक रहेंगे।’

First Published - December 29, 2023 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट