पिछले तीन महीनों में ह्युंडै मोटर इंडिया का शेयर 27 प्रतिशत बढ़कर 2,181 पर पहुंच गया है। इस दौरान उसने सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम), टाटा मोटर्स और मारुति सुजूकी इंडिया को पीछे छोड़ दिया है। इस अवधि में मारुति और टाटा मोटर्स के बाजार मूल्य में गिरावट देखी गई जबकि एमऐंडएम की तेजी 8 प्रतिशत से कम रही। कंपनी के व्यस्त लॉन्च कैलेंडर, स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) लाइनअप का विस्तार और मॉडल अंतराल को भरने के प्रयासों से कैलेंडर वर्ष 2026 तक उसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, अल्पावधि में शेयरों में ताजा तेजी के बाद इसमें अब और ज्यादा बढ़त की गुंजाइश नहीं दिख रही है, क्योंकि पूरे क्षेत्र में मांग में सुस्ती के संकेत दिख रहे हैं।
जुलाई में खुदरा बिक्री से पता चलता है कि ह्युंडै ने अपनी स्थिति में सुधार किया है। उसने 42,661 वाहनों की बिक्री करके और मासिक आधार पर बाजार हिस्सेदारी में 30 आधार अंक की बढ़ोतरी के साथ महिंद्रा ऐंड महिंद्रा को पीछे छोड़ दिया और दूसरा स्थान हासिल कर लिया। जुलाई में निर्यात सहित कारखानों से वाहनों की आपूर्ति 60,073 गाड़ियों पर स्थिर रही जबकि घरेलू बिक्री 43,973 वाहन रही। ह्युंडै की मासिक घरेलू बिक्री में एसयूवी का योगदान रिकॉर्ड 71.8 प्रतिशत रहा जो इसका परिचालन शुरू होने के बाद से सबसे अधिक है।
हालांकि, मार्जिन उम्मीद से बेहतर रहा। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक अनिकेत म्हात्रे ने कहा, ‘कम बिक्री और ज्यादा छूट के बावजूद कंपनी अपना मार्जिन बनाए रखने में कामयाब रही, जो सराहनीय है। घरेलू और निर्यात, दोनों बाजारों में बेहतर मिश्रण और कम उत्पादन लागत के कारण मार्जिन में यह लचीलापन देखने को मिला।’
ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि थोक बिक्री धीमी रहेगी और ह्युंडै संभवतः व्यापक क्षेत्र से पीछे रह जाएगी। कंपनी के पास 2030 तक 26 लॉन्च की योजना है। इसमें से आठ वाहन अगले दो वर्षों में पेश होंगे। कोटक रिसर्च के विश्लेषक ऋषि वोरा और अपूर्व देसाई ने लिखा, ‘हमें उम्मीद है कि कमजोर उपभोक्ता रुझान, सीमित पेशकशों और ऊंचे आधार के कारण अल्पावधि में मांग के रुझान मंद रहेंगे। हालांकि, वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में उद्योग के रुझान में सुधार आएगा जिसमें ह्युंडै नई एसयूवी और कई पावरट्रेन वाले बहुउद्देश्यीय वाहनों के जरिये अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगी।’ उन्होंने 2,350 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बनाए रखी है।
ग्रामीण बाजारों में कंपनी की बढ़ती पहुंच अन्य सकारात्मक बदलाव है। ग्रामीण बिक्री का मौजूदा समय में कंपनी की कुल बिक्री में 22.6 फीसदी योगदान है जो एक साल पहले के 19.9 फीसदी से अधिक है। कंपनी अनुकूल मॉनसून, ऊंचे न्यूनतम समर्थन मूल्य और ग्रामीण मांग को मजबूत करने के लिए चल रहे बुनियादी ढांचे में सुधार पर भरोसा कर रही है।
संभावित टैरिफ जोखिमों के बावजूद ह्युंडै भारत को उभरते और चुनिंदा विकसित, दोनों ही बाजारों के लिए निर्यात केंद्र के रूप में तैयार कर रही है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में निर्यात में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कंपनी को पूरे वर्ष के लिए 6-7 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। जहा उभरते बाजारों ने पहली तिमाही में बढ़त हासिल की, वहीं कंपनी को अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में भी धीमी वृद्धि की उम्मीद है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार एक मजबूत वाहन लॉंच योजना और व्यापक रणनीतिक प्रयासों के बावजूद शेयर की ताजा तेजी की वजह से अल्पावधि से मध्यावधि में तेजी की गुंजाइश सीमित दिख रही है। विश्लेषक शशांक कनोडिया और भाविश दोशी कंपनी की नकदी-समृद्ध बैलेंस शीट, ठोस नकदी प्रवाह और 30 प्रतिशत से अधिक नियोजित पूंजी पर रिटर्न को लेकर आशावादी बने हुए हैं। हालांकि उन्होंने शेयर की रेटिंग घटाकर ‘होल्ड’ कर दी है और इसका कीमत लक्ष्य 2,220 रुपये कर दिया है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च, ह्युंडै को भारत के प्रीमियम सेगमेंट में मजबूत कंपनी के रूप में देखती है, जिसकी वजह है इसका एसयूवी-केंद्रित पोर्टफोलियो। कंपनी ने इस शेयर के लिए 2,408 के कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग दोहराई है।