अमेरिका की दिग्गज कंपनी कोका-कोला और स्थानीय साझेदार भरतिया समूह भारत में हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरिजेज (एचसीसीबी) को सूचीबद्ध कराने पर विचार कर सकते हैं। अगले पांच वर्षों में उनकी इस बॉटलिंग कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी नहीं रह जाएगी। घटनाक्रम के जुड़े एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने आने वाले वर्षों में एचसीसीबी की संभावित सूचीबद्धता के बारे में कहा, ‘आईपीओ के साथ आगे बढ़ने के इरादे की अभी तक निश्चित ही कोई स्पष्ट पुष्टि नहीं है, लेकिन जाहिर है इसकी संभावना है।’
पिछले साल दिसंबर में जुबिलेंट भरतिया ग्रुप ने जुबिलेंट बेवरिजेज के जरिये घोषणा की थी कि वह कोका-कोला की स्थानीय बॉटलिंग कंपनियों की पैतृक हिंदुस्तान कोका कोला होल्डिंग्स में 40 फीसदी हिस्सा 12,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर खरीदेगी। इस समय कोका कोला इसमें बड़ी शेयरधारक है। अटलांटा की बेवरेज दिग्गज की मुख्य रणनीति ऐसेट-लाइट मॉडल के तहत अपने बॉटलिंग परिचालन को वैश्विक रूप से रीफ्रैंचाइज करना है। रॉशचाइल्ड ऐंड कंपनी ने इस सौदे में कोका-कोला को परामर्श दिया है जो इसी महीने पूरा हुआ है।
रॉशचाइल्ड ऐंड कंपनी में पार्टनर एवं वैश्विक प्रमुख (कंज्यूमर) अकील सचक ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमने कई भारतीय परिवार साझेदारों (संभावित रूप से भारतीय परिवारों) से संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू की, जिनके बारे में हमें लगा कि वे 2023 के अंत में इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त साझेदार होंगे। हमने एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया अपनाई। शुरुआत में, इनमें से कई के साथ यह प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया थी। आखिरकार हमने सितंबर 2024 में भरतिया समूह के साथ खास बातचीत की और उसके बाद सौदे पर हस्ताक्षर हुए।’
उन्होंने कहा कि भरतिया परिवार अन्य दावेदारों से विशिष्ट है। उनमें एक खास बात यह है कि उन्हें एक प्रमुख अमेरिकी ब्रांड, डोमिनोज के फ्रैंचाइजी पार्टनर के रूप में सफलता मिली है। उपभोक्ता क्षेत्र में उभरते नए रुझानों के बारे में बात करते हुए रॉशचाइल्ड एंड कंपनी इंडिया के प्रबंध निदेशक शुभकांत बल ने कहा कि कई भारतीय औद्योगिक घराने और समूह व्यापक उपभोक्ता क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाना चाहते हैं।
बल ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि कई ऐसे फैमिली ऑफिस हैं जो व्यापक भारतीय उपभोक्ता क्षेत्र की संभावनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं। हाल में घोषित पेंट्स लेनदेन (जेएसडब्ल्यू ने एक्जोनोबल के भारतीय व्यवसाय का अधिग्रहण किया) या कुछ सबसे बड़े घरानों ने नए या उभरते क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में पूंजी लगाई है।’