Closing Bell: घरेलू शेयर बाजार सप्ताह के आखिरी ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (3 जनवरी) को बड़ी गिरावट में बंद हुए। प्रमुख बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त में खुलने के बाद लाल रंग में ही रहे। निवेशकों ने सोमवार (7 जनवरी) से शुरू हो रहे कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों से पहले मुनाफावसूली की जिसकी वजह से बाजार लाल निशान में बंद हुआ।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) शुक्रवार (3 जनवरी) को 80 हजार के पार खुला लेकिन कुछ ही देर में लाल निशान में फिसल गया। अंत में सेंसेक्स 720.60 अंक या 0.90% की गिरावट लेकर 79,223.11 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी मामूली बढ़त लेकर खुला। पर खुलते ही गिरावट में चला गया। अंत में निफ्टी 183.90 अंक या 0.76% गिरकर 24,004.75 पर क्लोज हुआ।
टॉप लूजर्स
सेंसेक्स की कंपनियों में जोमैटो का शेयर सबसे ज्याद गिरकर बंद हुआ। एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, सनफार्मा, आईटीसी, एलएडंटी, एचसीएल टेक, भारती एयरटेल के शेयर प्रमुख गिरावट में रहे।
टॉप गेनर्स
दूसरी तरफ, टाइटन (Titan) और टाटा मोटर्स के शेयर सबसे ज्यादा फायदे में रहे। हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति, रिलायंस, एनटीपीसी, नेस्ले, अल्ट्रा सीमेंट, टाटा स्टील और बजाज फाइनेंस के शेयर चढ़कर बंद हुए।
शेयर बाजार में शुक्रवार (3 जनवरी) को गिरावट की वजह ?
इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले फाइनेंशियल और आईटी स्टॉक्स (IT Stocks) में बिकवाली की वजह से स्टॉक मार्केट में शुक्रवार (3 जनवरी) को गिरावट आई। वहीं, निवेशल सोमवार को शरू हो रहे कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजों से पहले सतर्क रुख अपना रहे हैं। इसके अलावा एशियाई और अमेरिकी स्टॉक मार्केट में गिरावट का भी घरेलू बाजारों पर नेगेटिव असर पड़ा है।
लगातार दूसरे सप्ताह चढ़कर बंद हुआ शेयर बाजार
भारत के बेंचमार्क इंडेक्स ने शुक्रवार को लगातार दूसरी साप्ताहिक वृद्धि दर्ज की। इसका नेतृत्व ऑटो शेयरों ने किया, जो कि मंथली बिक्री डेटा के कारण चढ़े थे। पिछले सप्ताह की चाल को दर्शाते हुए इस सप्ताह इंडेक्स लगभग 1% बढ़ गए। वहीं, 2024 में बेंचमार्क में लगभग 8.5% की वृद्धि हुई। यह हालांकि, वैश्विक बाजारों में सबसे कम है।
अगले सप्ताह कैसी रहेगी बाजार की चाल
एनालिस्ट्स का कहना है कि अगले सप्ताह से शुरू हो रहे भारतीय कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नीति और केंद्रीय बजट समेत सभी बड़े ट्रिगर्स के बीच कंपनियों के तिमाही नतीजे शार्ट टर्म में घरेलू इक्विटी के प्रदर्शन को आकार देने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।