शेयर बाजार में हालिया तेजी और सूचकांकों के अप्रैल के अपने निचले स्तर से जोरदार वापसी के साथ ही विदेशी निवेश बढ़ने से सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की थोक बिक्री (बल्क डील) में भी तेजी आई है। इस महीने अभी तक ब्लॉक और बल्क सौदों के जरिये 65,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री हुई है जो अगस्त 2024 के बाद किसी भी महीने में सर्वाधिक है। थोक सौदों में तेजी चार महीने के सूखे के बाद आई है क्योंकि बीते चार महीनों में शेयर भाव में भारी उठापटक के कारण थोक सौदे एक तरह से थम से गए थे।
इस महीने कई बड़े थोक सौदे हुए। सिंगटेल ने भारती एयरटेल में 13,221 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इंडिगो की प्रवर्तक कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने 11,564 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इसी तरह सज्जन जिंदल परिवार ट्रस्ट ने जेएसडब्ल्यू सीमेंट में 1,210 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और एंटफिन ने पेटीएम में 2,104 करोड़ रुपये के शेयर की बिक्री की। नवीनतम सौदे में ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको पीएलसी (बीएटी) ने आईटीसी में 12,941 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। बाजार में तेजी से ज्यादातर शेयर बिक्री में खरीदारों की ओर से मजबूत मांग देखी गई।
ब्लॉक डील के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बड़े पैमाने पर शेयर की बिक्री स्टॉक एक्सचेंज पर एक समर्पित विंडों के जरिये की जाती है। इससे म्युचुअल फंड जैसे संस्थागत निवेशकों को शेयर भाव में उतार-चढ़ाव के बिना बड़े पैमाने पर किसी कंपनी के शेयर खरीदने की सहूलियत होती है। इस तरह के सौदे आम तौर पर बाजार में तेजी और पर्याप्त तरलता के समय देखे जाते हैं।
वैश्विक व्यापार की अनिश्चितता, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली और कंपनियों के कमजोर नतीजों से साल 2025 की पहली तिमाही के दौरान प्राथमिक बाजार में ज्यादा गतिविधियां नहीं देखी गईं। हालांकि अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए गए जवाबी शुल्क पर 90 दिनों की रोक की घोषणा से निवेशकों की चिंता थोड़ी कम हुई। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम से भी निवेशकों का हौसला बढ़ा। 7 अप्रैल के निचले स्तर से निफ्टी करीब10 फीसदी चढ़ चुका है।
एचएसबीसी इंडिया में निवेश बैंकिंग के वाइस चेयरमैन अमिताभ मल्होत्रा ने कहा, ‘बाजार में हालिया तेजी से विक्रेता मौजूदा शेयर भाव पर अपने थोक सौदों के लिए खरीदार तलाशने में सक्षम हुए। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और घरेलू संस्थागत निवेशक, दोनों ने थोक सौदों के तहत काफी संख्या में शेयर खरीदे।’
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में कार्यकारी निदेशक अजय सराफ ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तीन महीने तक बिकवाली करने के बाद अप्रैल और मई में शुद्ध लिवाल बने। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के साथ व्यापार करार की उम्मीद और भू-राजनीतिक तनाव कम होने से मोटे सौदों को बल मिला।’
बैंकरों का अनुमान है कि 2025 के बाकी बचे महीनों में भी प्राथमिक और द्वितीयक बाजारों में खूब गतिविधियां देखी जाएंगी और थोक सौदे भी होंगे। मल्होत्रा ने कहा, ‘मुद्रास्फीति में नरमी, रीपो दर में और कटौती, कर रियायत से लोगों के हाथों में ज्यादा पैसे आने और बेहतर मॉनसून के अनुमान से भारत की विकास गाथा को और मजबूती मिलेगी।’
एक निवेश बैंकर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘बाजार सही स्तर पर है और शेयर भाव भी नरम हुए हैं मगर हालिया तेजी ने विक्रेताओं और खरीदार, दोनों को आकर्षित किया है। आईटीसी, इंडिगो और एयरटेल जैसी कंपनियां लंबी अवधि के लिए निवेश का मौका देती हैं, जिससे बड़े निवेशकों की ओर से थोक सौदों की मांग बढ़ी है।’ केवल ब्लॉक डील ही नहीं आईपीओ बाजार में भी तेजी आई है और दो महीने के सूखे के बाद मई में करीब दर्जन भर से ज्यादा आईपीओ आए हैं।