facebookmetapixel
2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्तबैंक तेजी से खुदरा ग्राहकों की ओर देख रहे हैं : BSFI समिट में बोले कामत

Stock Market: IT सेक्टर में 6 हफ्ते की बड़ी गिरावट, अमेरिकी फेड के ब्याज दर पर निर्णय से पहले निवेशकों ने की मुनाफावसूली

Stock Market: पिछली बार दरें घटाने का चक्र शुरू होने पर आईटी शेयरों में भारी गिरावट आई थी। रही-सही कसर एक्सेंचर द्वारा कर्मचारियों की पदोन्नति टालने के फैसले ने पूरी कर दी।

Last Updated- September 18, 2024 | 9:28 PM IST
Share Market

सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयरों में आज जमकर बिकवाली हुई। पिछले छह हफ्तों में आईटी शेयरों में आई यह सबसे बड़ी गिरावट रही। कारोबारियों ने कहा कि निवेशकों के मन में अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने के पिछले दौर की याद हावी हो गई। पिछली बार दरें घटाने का चक्र शुरू होने पर आईटी शेयरों में भारी गिरावट आई थी। रही-सही कसर एक्सेंचर द्वारा कर्मचारियों की पदोन्नति टालने के फैसले ने पूरी कर दी।

विशषज्ञों के अनुसार मुनाफावसूली भी आईटी शेयरों में गिरावट की बड़ी वजह रही क्योंकि पिछले तीन महीने के दौरान इन शेयरों में 25 फीसदी की तेजी आई थी। बुधवार को एक्सेंचर का शेयर करीब 5 फीसदी टूट गया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को बताया है कि चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल को देखते हुए दिसंबर में होने वाली पदोन्नति अब जून में होगी। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में बिकवाली शुरू हो गई।

निफ्टी आईटी सूचकांक 3.1 फीसदी गिरावट के साथ 42,089 पर बंद हुआ। 5 अगस्त के बाद यह एक ​दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। सबसे अधिक गिरावट एमफैसिस में आई। कंपनी का शेयर 5.6 फीसदी नीचे आ गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) में 3.5 फीसदी, एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेस, परसिस्टेंट सिस्टम्स, इन्फोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 3-3 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेस में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘आईटी शेयरों में भारी तेजी के बाद निवेशक अब मुनाफावसूली कर रहे हैं। छंटनी, आर्थिक सुस्ती और डॉलर में गिरावट से माहौल थोड़ा ठंडा हो गया है। एक्सेंचर द्वारा ज्यादातर कर्मचारियों की पदोन्नति छह महीने टलने से माहौल और खराब हो गया। तकनीक क्षेत्र में हाल में छंटनी, ऐपल, सिस्को, आईबीएम और इंटेल में नौकरियों में कमी की खबरों ने भी आईटी क्षेत्र को झटका दिया है।’

आईटी शेयरों में यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक और ब्याज दरों को लेकर उसके निर्णय से पहले आई है। विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका में ब्याज दरें कम होने से डॉलर कमजोर होगा जिससे अगले कुछ समय के लिए भारतीय आईटी कंपनियों के लिए राजस्व वृद्धि दर कम रहेगी।

मांग कमजोर रहने के बाद भी आईटी शेयरों में पिछले तीन महीने के दौरान तेजी आई थी। निफ्टी आईटी सूचकांक में जून से तेजी बनी हुई है और यह 30 फीसदी तक चढ़ चुका है। मगर इतनी तेजी के बाद ऊंचे शेयर भाव को लेकर भी चिंता सताने लगी थी। विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका में ब्याज दरों में पहली कटौती के 3 से 6 महीने बाद मांग में तेजी दिखेगी।

मैक्वारी के रवि मेनन ने कहा, ‘2001, 2007 और 2019 से उलट इस बार आईटी पर खर्च सीमित रहा है। इस समय आईटी पर बजट में जो सुस्ती दिख रही है वह 2008 में लीमन ब्रदर्स के धराशायी होने के बाद भी नहीं दिखी थी। अमेरिका में दरें कम होने के 3-6 महीने बाद आईटी क्षेत्र में मांग फिर मजबूत होगी।’

मैक्वारी ने अपनी रिपोर्ट में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कमी के पिछले तीन दौर में आईटी शेयरों के कमजोर प्रदर्शन का जिक्र किया है।

First Published - September 18, 2024 | 9:24 PM IST

संबंधित पोस्ट