facebookmetapixel
देशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोर

2 सालों में अप्रैल में सेंसेक्स का सबसे कम उतार-चढ़ाव

Last Updated- May 02, 2023 | 10:34 PM IST
एशियाई बाजारों में नरमी, जानें कैसी होगी आज भारतीय शेयर बाजार की चाल, GIFT Nifty in red amid weakness among Asian indices

अप्रैल में सूचकांक के लिए हाई और लो के बीच अंतर महज 4.1 प्रतिशत रहा, जो जुलाई 2021 के बाद से सबसे कम और अपने तीन वर्षीय औसत के मुकाबले करीब आधा है। विश्लेषकों का कहना है कि मुख्य सकारात्मक घटनाक्रम के अभाव, सेक्टोरल बदलाव और आय तथा आ​र्थिक अनि​श्चितता की वजह से बढ़ रही सतर्कता ने बाजारों को सीमित दायरे में बनाए रखा है।

दिलचस्प बात यह है कि, अप्रैल में 17 कारोबारी सत्रों के दौरान, सेंसेक्स ने 1 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी या गिरावट दर्ज नहीं की। महीने के लिए उसका सबसे अच्छा कारोबारी सत्र 3 अप्रैल को दर्ज किया गया, जब इस सूचकांक में 0.99 प्रतिशत की तेजी आई और 17 अप्रैल सबसे कमजोर कारोबारी सत्र था, क्योंकि उस दिन इसमें 0.87 प्रतिशत की गिरावट आई।

अप्रैल में सेंसेक्स ने 61,112 पर बंद होने से पहले दिन के कारोबार के लिहाज से 61,209 का ऊंचा स्तर और 58,793 का निचले स्तर बनाया, जो पिछले महीने (मार्च) के मुकाबले सूचकांक में 3.35 प्रतिशत की तेजी थी। पिछले तीन साल में सेंसेक्स हर महीने 8 प्रतिशत के औसत दायरे में रहा। विश्लेषकों का कहना है कि जहां सूचकांक ने पिछले एक महीने के दौरान सकारात्मक रुझान बनाया है, वहीं इससे कारोबारियों में सतर्कता भी बढ़ गई है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कुछ शेयरों के लार्जकैप से स्मॉलकैप में जाने से भी प्रमुख सूचकांकों के लिए तेजी सीमित हुई।

इ​क्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘अप्रैल से, स्मॉलकैप ने लार्जकैप शेयरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। यह प्रमुख सूचकांकों के लिए सीमित दायरे में रहने का सबसे बड़ा कारण है।’

अप्रैल में, निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 7.5 प्रतिशत चढ़ा, जो करीब 10 महीनों में सबसे अच्छी तेजी मानी जा सकती है। इस बीच, निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक करीब 6 प्रतिशत चढ़ा, जो करीब 8 महीने में सर्वा​धिक है। निफ्टी-50 सूचकांक अप्रैल के दौरान 4.1 प्रतिशत बढ़ा।

चोकालिंगम का कहना है, ‘मेरा मानना है कि मई में भी सेंसेक्स और निफ्टी सीमित दायरे में कारोबार कर सकते हैं। अगले दो महीनों के लिए, स्मॉलकैप और मिडकैप में तेजी बनी रहेगी। कई स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी गिरावट आई हैऔर छोटे निवेशक अच्छे अवसर तलाश रहे हैं।’

Also Read: Closing Bell: शेयर बाजार में तेजी जारी, Sensex 61,300 के ऊपर बंद, Nifty 18,100 के पार

निवेशकों ने न सिर्फ लार्जकैप से प्रमुख सूचकांकों की ओर रुख किया है ब​ल्कि उन्होंने कुछ सेक्टोरल रोटेशन भी किए हैं और आईटी शेयरों से निकलकर रियल्टी तथा सरकारी बैंक जैसे हाई बीटा वाले क्षेत्रों पर ध्यान दिया है।

निफ्टी रियल्टी सूचकांक अप्रैल में करीब 15 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक में 12 प्रतिशत की तेजी आई। इस बीच, निफ्टी आईटी सूचकांक करीब 4 प्रतिशत कमजोर हुआ। प्रमुख आईटी निर्यातकों द्वारा राजस्व अनुमान घटाने की वजह से इस सूचकांक में कमजोरी बढ़ गई।

सेंसेक्स और निफ्टी में मजबूत भारांक रखने वाले आईटी शेयरों में कमजोरी आने से भी बाजार का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि यदि बाजार मौजूदा स्तरों के आसपास बना रहता है तो इससे मूल्यांकन में गिरावट को बढ़ावा मिलेगा जिससे अगली बड़ी तेजी का आधार तैयार होगा।

First Published - May 2, 2023 | 9:19 PM IST

संबंधित पोस्ट