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FPI के 10 प्रतिशत सौदों के लिए RFQ प्लेटफॉर्म पर विचार कर रहा Sebi

पिछले वित्त वर्ष में, FPI ने कॉरपोरेट बॉन्डों में अपने कुल सौदों का सिर्फ 4.5 प्रतिशत हिस्सा RFQ के जरिये किया

Last Updated- July 06, 2023 | 11:01 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने प्रस्ताव रखा है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में किए जाने वाले कम से कम 10 प्रतिशत सौदे रिक्वेस्ट फॉर कोट (RFQ) प्लेटफॉर्म पर होने चाहिए।

मौजूदा समय में, कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में ज्यादातर सौदे ओवर-द-काउंटर (OTC) से जुड़े हुए हैं, जिसे ज्यादा अस्पष्टता पैदा हो रही है। बाजार नियामक ने म्युचुअल फंडों (MF), वैक​ल्पिक निवेश फंडों (AIF) और ब्रोकर जैसे डेट बाजार के कारोबारियों पर आरएफक्यू प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने का दबाव डाला है, जिससे कि सेकंडरी बाजार में तरलता और पारद​र्शिता बढ़ाई जा सके।

RFQ स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा वर्ष 2020 में डेट प्रतिभूतियों (debt securities) के लिए शुरू किया गया प्लेटफॉर्म है। यह खरीदारों और विक्रेताओं के लिए सिंगल इंटरफेस के तौर पर काम करता है और केंद्रीकृत ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर बहुपक्षीय बातचीत को सक्षम बनाता है। यह कारोबार पूरा करने के लिए ​क्लियरिंग एवं सेटलमेंट की संपूर्ण प्रक्रिया भी मुहैया कराता है।

सेबी ने चर्चा पत्र में कहा है, ‘इस कॉरपोरेट बॉन्ड सेगमेंट में, सेकंडरी बाजार के सौदे मुख्य तौर पर OTC बाजार से जुड़े होते हैं और ये मुख्य तौर पर संस्थागत निवेशकों द्वारा किए जाते हैं। कीमतों के बारे में मोलभाव दोनों ओर से ऑफलाइन के जरिये होता है और इसे डिलिवरी वर्सेस पेमेंट (DVP-1) आधार पर स्वीकृति दी जाती है।’

पिछले वित्त वर्ष में, FPI ने कॉरपोरेट बॉन्डों में अपने कुल सौदों का सिर्फ 4.5 प्रतिशत हिस्सा RFQ के जरिये किया, जबकि प्लेटफॉर्म पर इस सेगमेंट में कुल सौदों में इसका योगदान महज 0.78 प्रतिशत रहा।

सेबी का कहना है, ‘जहां RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने हाल के वर्षों में FPI के लिए कॉरपोरेट बॉन्डों में निवेश सीमा बढ़ाई है, लेकिन कॉरपोरेट डेट में FPI द्वारा निवेश समान अव​धि में घटा है। इसकी वजह से FPI के लिए कॉरपोरेट बॉन्ड सीमा का फिलहाल कम इस्तेमाल हुआ है।’

जहां मार्च 2019 के अंत तक इस सीमा का इस्तेमाल 75.9 प्रतिशत पर था, वहीं मार्च 2023 तक यह घटकर 15.52 प्रतिशत रह गया। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब समान अव​धि में निवेश सीमाएं दोगुनी हुई हैं।

सेबी का मानना है कि RFQ प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की अनिवार्य सीमा से भारतीय कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को मदद मिल सकती है।

First Published - July 6, 2023 | 8:53 PM IST

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