बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सोशल मीडिया मंच यूट्यूब के कई चैनलों पर भ्रामक वीडियो डालकर शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट लिमिटेड की शेयर कीमतों में हेराफेरी करने के मामले में नौ इकाइयों पर लगाई गई पाबंदी हटाने से इनकार कर दिया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस मामले की प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर मार्च में 24 इकाइयों को शेयर बाजारों में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया था। इनमें से नौ कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध की अब उसने पुष्टि कर दी है।
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सेबी ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा कि ये इकाइयां फर्जी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) नियमों के तहत प्रथम दृष्टया संलिप्त पाई गई थीं और इस अंतरिम आदेश को पुष्ट किया जाता है।
इस आदेश में जतिन मनुभाई शाह, अंगद एम राठौड़, हेली जतिन शाह, दैविक जतिन शाह, अशोक कुमार अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, हेमंत दुसाद और अंशुल अग्रवाल कंपनी एचयूएफ पर प्रतिबंध बरकरार रखा गया है। इनमें से चार लोगों को सेबी ने कुछ रियायतें दी हैं।
सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि मई, 2022 के दूसरे पखवाड़े में शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट कंपनी के शेयरों के बारे में यूट्यूब पर कुछ भ्रामक एवं गलत वीडियो डाले गए थे। इन वीडियो में निवेशकों को इस कंपनी के शेयरों में निवेश की सलाह दी गई थी।
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