facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

सेबी ने सख्त किए नियम, तीन दिन में करानी होगी शेयर की लिस्टिंग

नियामक ने FPI के लिए स्वामित्व, आर्थिक हित तथा स्वामित्व से जुड़े अतिरिक्त खुलासे को भी जरूरी कर दिया

Last Updated- June 28, 2023 | 11:32 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की बैठक में आज विदेशी निवेशकों की खुलासा जरूरतों को और सख्त बनाते हुए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की सूचीबद्धता अवधि को कम करने का निर्णय किया है।

नियामक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए स्वामित्व, आर्थिक हित तथा स्वामित्व से जुड़े अतिरिक्त खुलासे को भी जरूरी कर दिया है। इस दायरे में वे आएंगे जिनकी एक ही कंपनी समूह में आधी से ज्यादा हिस्सेदारी है या उनके पास 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी संपत्तियां हैं। हालांकि सॉवरिन फंडों, सार्वजनिक रिटेल फंडों तथा एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों को इस अतिरिक्त खुलासे के प्रावधान से छूट मिलेगी।

नियामक ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के शेयरों को सूचीबद्ध कराने की अवधि को मौजूद 6 दिन से घटाकर 3 दिन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नियामक के अनुसार अब सभी निर्गम के बंद होने के बाद तीन दिन में सूचीबद्ध कराना होगा। नया नियम 1 सितंबर से स्वैच्छिक तौर पर लागू होगा जबकि 1 दिसंबर से ऐसा कराना अनिवार्य हो जाएगा।

सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा, ‘आईपीओ को सूचीबद्ध कराने की अवधि घटाना दुनिया में अपनी तरह का पहला कदम है। हमें उम्मीद है टी+3 की व्यवस्था बिना की बाधा के सुचारु होगी। इस पूरी प्रक्रिया में बाजार के भागीदारों को काफी मदद मिलेगी।’

नियामक ने कहा कि शेयर को सूचीबद्ध कराने की अवधि घटने से न केवल आईपीओ लाने वाली फर्मों को जल्द पैसा मिल सकेगा बल्कि आवेदकों को शेयर आवंटन भी जल्द किया जाएगा। इसके साथ ही निर्गम में शेयर हासिल नहीं करने वालों को उनका पैसा भी शीघ्र मिल जाएगा। नियामक के इस कदम से डब्बा ट्रेडिंग पर भी रोक लगेगी। हालांकि सेबी ने म्युचुअल फंडों से जुड़े कुल एक्सपेंस अनुपात (टीईआर) पर कोई फैसला नहीं लिया।

First Published - June 28, 2023 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट