कई समस्याओं की वजह से बाजार की चाल सुस्त पड़ती दिख रही है। सेंट्रम ब्रोकिंग में रिटेल के मुख्य कार्याधिकारी संदीप नायक ने पुनीत वाधवा के साथ फोन पर हुई बातचीत में बताया कि भले ही कुछ निवेशकों ने वित्त वर्ष 2024 में अब तक नियमित तौर पर मुनाफावसूली की है, लेकिन वे अपने दीर्घावधि एसआईपी के साथ जुड़े हुए हैं जिससे उनमें उतार-चढ़ाव का प्रबंधन करने की क्षमता और परिपक्वता का पता चलता है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
वित्त वर्ष 2024 के पहले चार महीनों के दौरान कैश बाजार के कारोबार में सालाना आधार पर 15.6 प्रतिशत की वृद्धि और वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) बाजार में एक साल पहले की तुलना में 6.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। यह रुझान शेष महीनों में भी बने रहने की संभावना है, क्योंकि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन बरकरार है। निवेशकों ने वित्त वर्ष 2024 में लगातार मुनाफावसूली की है, लेकिन वे अपने दीर्घावधि एसआईपी के साथ बने हुए हैं, जिससे उनमें उतार-चढ़ाव का प्रभावी तरीके से प्रबंधन करने क क्षमता का संकेत मिलता है। नकदी बाजार में करीब 1 करोड़ सक्रिय निवेश और एफऐंडओ बाजार में करीब 40 लाख निवेशकों के साथ रिटेल कारोबार से मौजूदा बाजार धारणा को गति मिलने की संभावना है।
हम अपनी डिजिटल पेशकश ‘सेंट्रम गैलेक्ससी’ को पेश कर रहे हैं, जो एक संपूर्ण डिजिटल फाइनैंशियल प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म को डिजिटल प्रेमी जेनरेशन वाई और जेनरेशन जेड को ध्यान में रखकर पेश किया जा रहा है। सेंट्रम गैलेक्ससी संपत्ति वृद्धि, प्रबंधन, बचत और सुरक्षा के लिए योजनाएं मुहैया कराने के लिए संपत्ति प्रबंध, बीमा और बैंकिंग में सेंट्रम ग्रुप की दक्षता का लाभ उठाएगा। यह ट्रेडिंग और बैंक खातों के बीच कोष स्थानांतरण सुगम बनाने के लिए 3-इन-1 प्रस्ताव की भी पेशकश करेगा।
टी-डेट निपटान की शुरुआत परिवर्तनकारी और सही दिशा में उठाया गया कदम साबित हो सकती है। देश में घरेलू भुगतान ढांचा वैश्विक तौर पर श्रेष्ठ समझा जाता है, जिसमें इम्मिडिएट पेमेंट सर्विस, नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर, रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस शामिल हैं। जहां घरेलू सौदे करने में कोई बड़ी चुनौती पैदा नहीं हो सकती है, लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए काम कर रहे कस्टोडियन द्वारा पूंजी के रकम के अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन ऐक्ट और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट को ध्यान में रखते हुए समान दिन निपटान को आसान बनाना जरूरी होगा। जब यह ढांचा मजबूत बन जाएगा, तो टी-डेट निपटान 12-18 महीने में आसान हो सकता है।
वैश्विक बाजार अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बड़ी तेजी से जूझ रहे हैं। शुरू में बाजार अनुमान था कि अमेरिकी दरें चरम को छू चुकी हैं और शून्य के आसपास से 5 प्रतिशत पर पहुंचने के बारे में अमेरिकी फेड के बयानों से पुष्टि नहीं हुई है। फेड ने शुरू में मुद्रास्फीति की निरंतरता को अस्थायी के तौर पर कम आंका, जिससे ब्याज दरों के समायोजन में विलंब हुआ। फेड ने अब बेहद सतर्क और डेटा-केंद्रित रुख अपनाया है तथा ब्याज दर की राह के बारे में कोई आगामी अनुमान बताने से परहेज किया है। इससे बाजारों में अनिश्चितता है।
क्या मूल्यांकन से चुनौती पैदा हुई है?
निफ्टी कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून मिताही में नतीजों से मजबूत वृद्धि का पता चला। अगले दो वर्षों के दौरान 15-18 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के अनुमान से बाजार धारणा को मजबूत बनाया है। 2024-25 में 29 गुना तक के मूल्यांकन और 1.3 गुना के पीई-वृद्धि अनुपात के साथ, भारतीय बाजार आकर्षक मूल्य की पेशकश कर रहा है।
महामारी के बाद, भारत में आर्थिक सुधार शानदार रहा। 6 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि, शानदार जीएसटी संग्रह और मजबूत प्रत्यक्ष कर राजस्व वसूली से आर्थिक सुधार को मदद मिली। हालांकि मुद्रास्फीति के 7 प्रतिशत से ऊपर बने रहने और अगस्त के शुरू में मॉनसून में सुस्ती से चिंता बनी हुई थी। फिर भी, वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति अनुकूल है।