Realty stocks: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को Budget पेश किया। अपने बजट भाषण में उन्होंने प्रॉपर्टी की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन के लाभ को हटाने की घोषणा की। इस ऐलान के साथ ही, पूरे देश में संपत्ति मालिकों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स का बोझ काफी बढ़ गया है। बजट पेश होने के बाद महज चार कारोबारी सत्रों (23 जुलाई से 28 जुलाई) में ही रियल एस्टेट सेक्टर में लिस्टेड कंपनियों को बाजार मूल्य में 6,480 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, लिस्टेड शेयरों ने शुक्रवार को अपने घाटे का कुछ हिस्सा वसूल कर लिया, लेकिन बजट पेश होने से एक दिन पहले की तुलना में सप्ताह का अंत शुद्ध घाटे के साथ हुआ। शुक्रवार तक रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन (MCap) 6.98 लाख करोड़ रुपये था।
विश्लेषकों का कहना है कि इंडेक्सेशन हटाने से निवेशकों की भावनाएं कमजोर हो सकती हैं, खासकर हाई-एंड सेगमेंट में जहां रिटर्न 10 फीसदी से 11 फीसदी सालाना है।
रेटिंग फर्म इंद्रा (IndRa) के एक विश्लेषण में कहा गया है कि सालाना 10 से 11 प्रतिशत से कम अपेक्षित रिटर्न वाली संपत्तियों के लिए, निवेशकों को ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स आउटफ्लो का सामना करना पड़ सकता है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश में कमी आएगी। इसमें कहा गया है, “निवेशकों की मांग में कमी से डेवलपर्स द्वारा निकट अवधि में कीमतों में बढ़ोतरी करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि निवेशक ज्यादा टैक्स आउटफ्लो के कारण बड़े एक्सपोजर से सावधान हो सकते हैं।”
इंडेक्सेशन लाभ हटाने और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को कम करने से अंतिम यूजर्स पर असर पड़ने की संभावना नहीं है जो अपने मौजूदा घर को बेचते हैं और नए घर में फिर से निवेश करते हैं, लेकिन यह उन निवेशकों को प्रभावित करेगा जो अपना घर (निवेश) बेचते हैं और अन्य परिसंपत्ति वर्गों (asset classes) में एक दफा फिर से निवेश करते हैं।
एनारॉक ग्रुप के क्षेत्रीय निदेशक और शोध प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा, “लाभों को हटाने से सट्टा मांग (speculative demand) कम हो सकती है और सप्लाई बढ़ सकती है, जिससे कुछ मूल्य सुधार हो सकते हैं। अल्पावधि में, इससे कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है क्योंकि विक्रेता कम खरीदारों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।”
ठाकुर ने कहा, “हालांकि, समय के साथ, बाजार में स्थिरता आ जाएगी और कीमतें सट्टा निवेशकों (speculative investors) की मांग के बजाय वास्तविक अंतिम-उपयोगकर्ता की मांग को प्रतिबिंबित करेंगी। डेवलपर्स लग्जरी सेगमेंट से किफायती (affordable) और मध्य-सेगमेंट (mid-segment) आवास में स्थानांतरित हो सकते हैं।”
CLSA के अनुसार, नई कर व्यवस्था पांच साल से कम की होल्डिंग अवधि वाले निवेशकों के लिए नकारात्मक होने की संभावना है और जहां संपत्ति की कीमत में वृद्धि मध्यम (प्रति वर्ष 10 प्रतिशत से कम) है।