शेयर बाजारों में कीमतों की ऊंचाई, खास तौर से स्मॉल व मिडकैप क्षेत्र में, की वजह बहुत ज्यादा आय वृद्धि की उम्मीद के कारण है। यह कहना है मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और सह-संस्थापक रामदेव अग्रवाल का। उन्होंने कहा कि अगर ये उम्मीदें पूरी नहीं हुईं तो मल्टीपल यानी गुणकों के नीचे आने का खतरा है।
उन्होंने कहा कि इक्विटी बाजार में ज्यादा रकम की उपलब्धता का एक असर यह है कि उद्यमियों को कारोबार के विस्तार के लिए इक्विटी पूंजी की उपलब्धता चिंता का मसला नहीं है। उन्होंने कहा कि असली समस्या मांग की है। अग्रवाल के मुताबिक इक्विटी बाजार में खुदरा रकम का प्रवाह समय के साथ बढ़ेगा और म्युचुअल फंड उद्योग को इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अकेले इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां अगले 6-7 वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपये छू सकती है।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि सभी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां सस्ती हैं क्योंकि उनमें उच्च वृद्धि की संभावना है। एएमसी जैसे कुछ ही कारोबार ऐसे हैं जो सालाना 25-30 फीसदी की वृद्धि दर्ज कर सकते हैं। एकमात्र जोखिम नियामक का है जो मार्जिन कम कर सकता है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां हाल में एक लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। इसमें ऐक्टिव फंडों की एयूएम 47,212 करोड़ रुपये है जबकि पैसिव फंडों की एयूएम 25,000 करोड़ रुपये। पीएमएस और एआईएफ एयूएम क्रमश: 14,556 करोड़ रुपये और 13,801 करोड़ रुपये है। अग्रवाल ने कहा कि उनकी एएमसी पांच अग्रणी फंडों में शामिल होने का लक्ष्य लेकर चल रही है और बड़े एयूएम के प्रबंधन के लिए अपनी क्षमता तैयार कर रही है।
उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में हमने नींव तैयार कर ली है। अब हम इसे ऊपर ले जाना चाहते हैं। उद्योग में रफ्तार है और हमारे पास भी। अगर हम 40 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि से बढ़त दर्ज करें तो अगले 24 महीने में हमारी एयूएम दोगुनी हो जाएंगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक (समूह) नवीन अग्रवाल ने कहा कि कंपनी अपनी भौतिक मौजूदगी के अलावा डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ा रही है ताकि हमारी पहुंच में इजाफा हो।
निफ्टी में लगातार 14वें दिन भी बढ़त
बेंचमार्क निफ्टी में बढ़त का सिलसिला जारी है और 50 शेयरों वाला यह सूचकांक मंगलवार को महज 1.15 अंक की बढ़ोतरी के साथ 25,280 पर बंद होने में कामयाब रहा। निफ्टी ने लगातार 14 कारोबारी सत्रों में बढ़त दर्ज की है जो इसकी बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला है। दूसरी ओर, सेंसेक्स 4.4 अंकों की गिरावट के साथ 82,555 पर बंद हुआ और इस तरह से 10 दिन से चल रही बढ़त का सिलसिला थम गया।
दोनों ही सूचकांक ज्यादातर समय सुस्त रहे क्योंकि ट्रेडर अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे थे। बैंकिंग शेयरों में बढ़ोतरी को आईटी शेयरों और रिलायंस इंडस्ट्रीज के नुकसान ने खत्म कर दिया। 14 अगस्त से शुरू हुए पिछले 14 कारोबारी सत्रों में निफ्टी ने 1,141 अंकों यानी 4.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। एसबीआई लाइफ, बजाज फिनसर्व और आईसीआईसीआई बैंक में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई जबकि बजाज फाइनैंस, ओएनजीसी और इन्फोसिस निफ्टी-50 के सबसे कमजोर शेयर रहे। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 0.25 फीसदी और 0.43 फीसदी का इजाफा हुआ।