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मार्च में म्यूचुअल फंड्स की रफ्तार धीमी, लेकिन SIP ने बनाया भरोसे का पुल

Last Updated- April 11, 2025 | 5:43 PM IST
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मार्च 2025 में म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में थोड़ी सुस्ती देखी गई। नुवामा की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने एक्टिव इक्विटी फंड्स में निवेश पिछले महीने के मुकाबले करीब 17% घट गया। इसकी सबसे बड़ी वजह रही – लंपसम इनवेस्टमेंट्स में आई भारी गिरावट। निवेशक जहां हर महीने SIP के ज़रिए पैसे डालते रहे, वहीं बड़ी रकम एकमुश्त लगाने से उन्होंने परहेज किया।

मार्च में SIP से ₹25,930 करोड़ आए, जो कि फरवरी के मुकाबले सिर्फ 0.3% कम थे। इसका मतलब साफ है – छोटे-छोटे निवेश लगातार हो रहे हैं और लोग लंबी अवधि के लिए भरोसे के साथ जुड़े हुए हैं। जहां SIP की रफ्तार स्थिर रही, वहीं लंपसम इनवेस्टमेंट्स में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। फरवरी में निवेशकों ने जितना पैसा डाला था, मार्च में उसका पांचवां हिस्सा भी नहीं डाला – कुल लंपसम इनफ्लो सिर्फ ₹1,240 करोड़ रही।

भले ही मार्च थोड़ा फीका रहा, लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2024-25 ने झंडे गाड़ दिए। एक्टिव इक्विटी फंड्स में सालभर में ₹4.88 लाख करोड़ का निवेश हुआ – यानी पिछले साल FY24 की तुलना में दोगुना से भी ज़्यादा।

नए फंड्स में भी ठंडा रिस्पॉन्स, थीमैटिक फंड्स से मुंह मोड़ा

मार्च में सिर्फ 6 नए एक्टिव इक्विटी फंड लॉन्च हुए और इनमें ₹1,010 करोड़ ही जुटे जो पिछले महीने के मुकाबले 66% कम है। थीमैटिक फंड्स की हालत तो और भी सुस्त रही, इनकी हिस्सेदारी सिर्फ 0.6% रही। निवेशकों का रुझान इस बार लार्ज एंड मिडकैप और फ्लेक्सी-कैप फंड्स की तरफ ज़्यादा रहा।

शेयर बाज़ार की अच्छी चाल ने म्यूचुअल फंड्स की संपत्ति (AUM) को ऊपर चढ़ाया। मार्च में निफ्टी 6.3% और मिडकैप व स्मॉलकैप इंडेक्स 7.7% व 9.1% चढ़े, जिससे कुल एक्टिव इक्विटी AUM ₹36.8 लाख करोड़ पर पहुंच गया। जहां एक्टिव फंड्स में कुछ सुस्ती दिखी, वहीं पैसिव फंड्स (ETF और इंडेक्स फंड्स) में जबरदस्त जोश रहा। मार्च में ₹14,150 करोड़ की नेट इनफ्लो हुई और 22 नए फंड लॉन्च हुए – फरवरी से 195% ज़्यादा।

गोल्ड, फॉरेन फंड्स और अर्बिट्राज स्कीम्स से निकासी

गोल्ड और ओवरसीज फंड्स ऑफ फंड्स से मार्च में ₹300 करोड़ की निकासी हुई। वहीं, अर्बिट्राज स्कीम्स से भी निवेशकों ने ₹2,900 करोड़ निकाल लिए। डेट स्कीम्स से मार्च में ₹18,540 करोड़ की आउटफ्लो हुई, जबकि सिर्फ लिक्विड फंड्स से ही ₹1.8 लाख करोड़ निकाले गए – जो कि फरवरी की तुलना में कहीं ज़्यादा है।

निवेशक किस पर करें भरोसा? नुवामा की पसंद – HDFC AMC और Nippon AMC

नुवामा को भरोसा है कि SIP का मज़बूत सपोर्ट और लंबी अवधि का निवेश ट्रेंड इस सेक्टर को स्थिरता देगा। भले ही कुछ दिनों की मार्केट वोलैटिलिटी हो, लेकिन उनकी टॉप पसंद HDFC AMC (₹4,610 टारगेट प्राइस) और Nippon AMC (₹680 टारगेट प्राइस) हैं – जो निवेशकों के लिए फोकस में रह सकते हैं।

11 मार्च को बाजार बंद के साथ ही HDFC AMC BSE पर 3,996.50 रुपयं पर बंद हुआ है। टारगेट प्राइस (₹4,610) के लिहाज से ये 15.35% के रिटर्न की संभावना है। उसी तरह से, Nippon AMC आज BSE पर ₹552.45 पर बंद हुआ। टारगेट प्राइस (₹680) के लिहाज से ये 23% का अपसाइड दे सकता है।

First Published - April 11, 2025 | 5:35 PM IST

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