Paytm की पैरेंट कंपनी One 97 Communications ने मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद अपनी पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे जारी किए। यह तिमाही कंपनी के लिए एक टर्नअराउंड मोमेंट लेकर आई, क्योंकि पहली बार कंपनी ने अपने मुख्य बिजनेस से ₹122.5 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया है। पिछले साल इसी तिमाही यानी Q1FY25 में Paytm को ₹838.9 करोड़ का भारी नुकसान हुआ था, जबकि पिछली तिमाही (Q4FY25) में भी कंपनी को ₹539.8 करोड़ का घाटा हुआ था।
हालांकि Q2FY25 में भी कंपनी मुनाफे में थी, लेकिन वो मुनाफा टिकटिंग बिजनेस को Zomato को बेचने के चलते हुआ था। इस बार Q1FY26 में Paytm का मुनाफा पूरी तरह नॉर्मल बिजनेस ऑपरेशन्स के जरिए आया है, जो निवेशकों के लिए एक पॉजिटिव संकेत है।
Paytm की आय में भी अच्छी बढ़त देखने को मिली। कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू Q1FY26 में 27.7% बढ़कर ₹1,917.5 करोड़ पहुंच गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹1,501.6 करोड़ था। हालांकि पिछली तिमाही यानी Q4FY25 की तुलना में यह आंकड़ा लगभग स्थिर रहा, क्योंकि उस वक्त रेवेन्यू ₹1,911.5 करोड़ थी।
Paytm के ताजा नतीजे एनालिस्ट्स की उम्मीदों के अनुरूप रहे हैं। हालांकि, जानकारों का मानना है कि अभी कुछ और तिमाहियों तक परफॉर्मेंस को बारीकी से देखने की जरूरत है, ताकि मुनाफे का स्थायित्व और ग्रोथ ट्रेंड पूरी तरह समझ में आ सके।
WealthMills Securities के इक्विटी स्ट्रैटेजी डायरेक्टर क्रांति बथिनी ने कहा कि कंपनी के नतीजे पहले से अनुमानित थे और इसका असर पहले से स्टॉक में दिख चुका है। उन्होंने निवेशकों को Paytm के शेयर फिलहाल होल्ड करने की सलाह दी है और आने वाले समय में मुनाफे की स्थिरता पर नजर रखने को कहा है।
Bonanza की रिसर्च एनालिस्ट खुशी मिस्त्री के अनुसार, Paytm के लिए यह तिमाही एक संतुलित रिकवरी का संकेत देती है। उन्होंने बताया कि मर्चेंट पेमेंट के आंकड़े फिर से मजबूत हो गए हैं और कंज़्यूमर से जुड़ी गतिविधियां भी स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि हाल ही में आए रेगुलेटरी बदलावों और ऑपरेशनल झटकों का असर अब भी नजर आता है।
कंपनी ने बताया कि Q1FY26 में Paytm से जुड़े रजिस्टर्ड मर्चेंट्स की संख्या साल दर साल 11% बढ़कर 4.5 करोड़ हो गई है, जबकि पिछली तिमाही में यह 4.4 करोड़ थी। इतना ही नहीं, मर्चेंट सब्सक्रिप्शन यानी पेमेंट डिवाइस जैसे उपकरण लेने वाले मर्चेंट्स की संख्या Q1FY26 में 13 मिलियन (1.3 करोड़) तक पहुंच गई, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। यह Q1FY25 में 10.9 मिलियन और Q4FY25 में 12.4 मिलियन थी। इससे साफ है कि Paytm की ग्राउंड लेवल पर पकड़ मजबूत हो रही है।
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Paytm के नतीजों को लेकर ब्रोकरेज फर्म्स की राय अलग-अलग है। Macquarie ने अपने ‘Underperform’ रेटिंग को दोहराते हुए टारगेट ₹760 प्रति शेयर रखा है। हालांकि उन्होंने यह माना है कि भविष्य में कंपनी की कमाई बढ़ाने के कई मौके मौजूद हैं, भले ही पर्सनल लोन का कारोबार अभी धीमा है।
दूसरी ओर, Jefferies ने Paytm की रेटिंग ‘Hold’ से बढ़ाकर ‘Buy’ कर दी है और टारगेट को ₹900 से बढ़ाकर ₹1,250 कर दिया है। उनका मानना है कि MTU (Monthly Transacting Users) और GMV (Gross Merchandise Value) में लगातार ग्रोथ दिख रही है, जिससे आने वाले तिमाहियों में मार्जिन थोड़ा स्थिर जरूर होगा, लेकिन मजबूत रहेगा।
Citi ने भी टारगेट बढ़ाकर ₹1,215 कर दिया है (पहले ₹915 था) और ‘Buy’ रेटिंग बरकरार रखी है। उनका कहना है कि बेहतर लागत नियंत्रण और गैर-लोन कारोबार से उम्मीद से ज्यादा फायदा हुआ है।
वहीं, घरेलू ब्रोकरेज JM Financial ने भी ‘Buy’ रेटिंग के साथ टारगेट ₹1,230 से बढ़ाकर ₹1,320 कर दिया है। उन्होंने कहा है कि Paytm की टॉपलाइन ग्रोथ मजबूत दिख रही है और खर्चों पर नियंत्रण भी बना हुआ है, जिससे FY27 तक कंपनी का अनुमानित PAT ₹1,450 करोड़ तक पहुंच सकता है।
Bonanza के टेक्निकल एनालिस्ट ड्रमिल विठलानी का कहना है कि जिन निवेशकों के पास पहले से Paytm के शेयर हैं, वे उन्हें होल्ड रखें। उन्होंने सलाह दी है कि ₹1,000 का स्टॉप लॉस लगाएं और अगर स्टॉक ब्रेकआउट जोन के ऊपर टिकता है और वॉल्यूम मजबूत रहता है, तो यह ₹1,100 तक जा सकता है।