एनएसई मिडकैप 100 सूचकांक लगातार 5वें वित्त वर्ष में निफ्टी 50 सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन करने जा रहा है। उसका यह प्रदर्शन सरकार के स्वामित्व वाली रक्षा कंपनियों के अलावा वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयरों में बढ़त के बल पर होगा। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024-25 में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में अब तक 8.1 फीसदी की तेजी आई है जबकि निफ्टी 50 और एनएसई स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 6-6 फीसदी का इजाफा हुआ है।
सितंबर 2024 के 60,925.95 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से करीब 15 फीसदी गिरावट के बावजूद मिडकैप इंडेक्स ने वित्त वर्ष के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है। निफ्टी 50 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स भी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से क्रमशः 9.9 फीसदी और 18.3 फीसदी टूटे हैं।
वित्त वर्ष 24 में मिडकैप इंडेक्स में 60.1 फीसदी की तेजी आई थी जबकि निफ्टी 50 में 28.6 फीसदी का इजाफा हुआ था। वित्त वर्ष 23 में मिडकैप इंडेक्स में 1.2 फीसदी की तेजी आई थी जबकि निफ्टी 50 में 0.6 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न यानी घाटा हुआ। इसके अलावा स्मॉलकैप इंडेक्स में 13.8 फीसदी की गिरावट आई थी।
वित्त वर्ष 2025 में मिडकैप शेयरों में तेजी घरेलू संस्थागत निवेशकों के नकदी निवेश के कारण आई जिन्होंने वित्त वर्ष 2025 के दौरान इक्विटी में रिकॉर्ड 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। इनमें से म्युचुअल फंडों ने 4.79 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इक्विटी से 2.7 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने मुख्य रूप से प्राथमिक बाजार के जरिये इक्विटी में 1.2 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध नकदी का निवेश किया।
निफ्टी में सर्वकालिक उच्चतम स्तर से 10 फीसदी की गिरावट और मिड एवं स्मॉल कैप में 15 से 18 फीसदी की गिरावट को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि अब कीमतें ज्यादा उचित हो गई हैं और मौजूदा बाजार में लंबी अधि में धन सृजन के आकर्षक मौके हैं।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और शोध प्रमुख जी चोकालिंगम के अनुसार स्मॉल और मिडकैप खंडों में अल्पावधि के लिहाज से लार्जकैप के मुकाबले ज्यादा तेजी से बहाली की संभावना है क्योंकि एफआईआई की निकासी के बावजूद खुदरा निवेशकों का भारतीय शेयर बाजारों में भरोसा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा, हालिया गिरावट के बाद कई मिडकैप शेयरों का मूल्यांकन अब आकर्षक हो गया है। घरेलू इक्विटी में निवेश बढ़ाने के लिए यह सही समय है।
वेलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ज्योतिवर्धन जयपुरिया ने कहा, मौजूदा हालात में स्मॉल और मिड-कैप अपेक्षाकृत ज्यादा महंगे दिख रहे हैं और वित्त वर्ष 26 की शुरुआत में इनका प्रदर्शन खराब रहने की संभावना है। हालांकि वित्त वर्ष 26 के अंत तक लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप का रिटर्न एकसमान रहने की संभावना है।
जयपुरिया का मानना है कि हमें वित्त वर्ष 26 में बाजारों से ऊंचे एक अंक में रिटर्न की उम्मीद है। लार्ज-कैप का मूल्यांकन उचित हो गया है और बाजार एक साल की अग्रिम आय के लगभग 18.5 गुना पर कारोबार कर रहा है और यह ज्यादातर 10 साल के औसत के अनुरूप है।
आय वृद्धि भी वित्त वर्ष 26 में लगभग 10 से 12 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक की पहल की बदौलत सिस्टम में नकदी वापस आ गई है। एफआईआई का रुख अभी भारत पर कमजोर हैं और आने वाले वर्ष में इसमें बदलाव की संभावना है।
अलग-अलग शेयरों की बात करें तो मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स 28 मार्च 2024 के 932.05 रुपये से 181 फीसदी बढ़कर 2,614.50 रुपये पर पहुंच गया। कोचीन शिपयार्ड, भारत डायनेमिक्स और रेल विकास निगम में 46 फीसदी से 67 फीसदी तक की तेजी आई है।
इस बीच, आईसीआईसीआई डायरेक्ट के शोध प्रमुख पंकज पांडे को उम्मीद है कि चुनाव से जुड़ी अनिश्चितता खत्म हो जाने और विकासोन्मुखी केंद्रीय बजट के बाद वित्त वर्ष 2026 से कंपनियों की आय दो अंक में बढ़ेगी।