facebookmetapixel
10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?Stock Market Today: बाजार में तेजी के संकेत, Infosys बायबैक और IPO पर रहेगी नजर50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशी

फरवरी में म्युचुअल फंडों ने सबसे ज्यादा बेचे इंडसइंड के शेयर

डेरिवेटिव में निवेश के कारण बैंक को होने वाले नुकसान की चिंता के बीच इस महीने इंडसइंड बैंक के शेयरों में अब तक 32 फीसदी की गिरावट आई है।

Last Updated- March 13, 2025 | 10:12 PM IST
IndusInd Bank

फरवरी में घरेलू म्युचुअल फंडों की सबसे ज्यादा बिकवाली में इंडसइंड बैंक के शेयर शामिल रहे। उन्होंने महीने के दौरान 1,600 करोड़ रुपये के 1.6 करोड़ शेयर बेचे। संकट में फंसे बैंक में अपनी हिस्सेदारी कम करने वाले फंड हाउस में कोटक, टाटा और पीपीएफएएस म्युचुअल फंड शामिल हैं। डेरिवेटिव में निवेश के कारण बैंक को होने वाले नुकसान की चिंता के बीच इस महीने इंडसइंड बैंक के शेयरों में अब तक 32 फीसदी की गिरावट आई है।

बैंक में घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 की तिमाही के अंत के 24.53 फीसदी से बढ़कर दिसंबर 2024 की तिमाही के अंत में 39.65 फीसदी हो गई थी। देसी संस्थागत निवेशकों की लगभग 30.31 फीसदी हिस्सेदारी फंडों के पास है। इसी तरह भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और अन्य वैयक्तिक निवेशकों ने भी पिछले एक साल में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। दिलचस्प यह है कि एफपीआ) ने अपनी हिस्सेदारी में आक्रामक रूप से कटौती की है और उनकी हिस्सेदारी दिसंबर 2023 के अंत के 40.51 फीसदी से घटकर दिसंबर 2024 के अंत में 24.41 फीसदी रह गई थी।

पिछले एक साल में बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी काफी हद तक अपरिवर्तित रही है। लेकिन सीईओ सुमंत कठपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना द्वारा हिस्सेदारी बिक्री को लेकर चिंता जताई जा रही है। मई 2023 और जून 2024 के बीच कठपालिया ने 134 करोड़ रुपये के लगभग 9,50,000 शेयर बेचे जबकि खुराना ने 82 करोड़ रुपये मूल्य के 5,50,000 शेयर बेचे, जो उनकी कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन योजना का हिस्सा थे।

इस बीच, एचडीएफसी एमएफ ने एक्सचेंजों को गुरुवार को बताया कि इंडसइंड बैंक में उसकी हिस्सेदारी 5 फीसदी के पार निकल गई है। साथ ही, मंगलवार को 27 फीसदी की गिरावट के बाद एक्सचेंजों ने इंडसइंड बैंक के शेयर को अल्पावधि के लिए अतिरिक्त निगरानी के दायरे में रख दिया है।

First Published - March 13, 2025 | 10:04 PM IST

संबंधित पोस्ट