facebookmetapixel
भारत की चीन को टक्कर देने की Rare Earth योजनानेपाल में हिंसा और तख्तापलट! यूपी-नेपाल बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन, पर्यटक फंसे; योगी ने जारी किया अलर्टExpanding Cities: बढ़ रहा है शहरों का दायरा, 30 साल में टॉप-8 सिटी में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर हुआ दोगुनाबॉन्ड यील्ड में आई मजबूती, अब लोन के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां : SBIअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाचुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात: ₹7,616 करोड़ के हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट्स मंजूरBYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: Fitch

पहली छमाही में HDFC बैंक पर म्यूचुअल फंडों का दांव, जून में TCS, Vedanta में भी हुई जमकर खरीदारी

इस खरीदारी से बैंकिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी HDFC में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़ गई है।

Last Updated- July 12, 2024 | 8:36 PM IST
Mutual Fund

2024 के पहले 6 महीनों में म्यूचुअल फंडों ने HDFC बैंक के शेयरों में 46,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया। ये पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में बिकवाली के रुझान के उलट है। ये जानकारी Nuvama Alternative & Quantitative Research के आंकड़ों से मिली है।

यह निवेश एक्टिव इक्विटी, पैसिव और इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड स्कीमों द्वारा कुल निवेश का जोड़ है। इस खरीदारी से बैंकिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी HDFC में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़ गई है। दिसंबर 2023 में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी 19.5% थी जो जून 2024 में बढ़कर 24.8% हो गई है। वहीं दूसरी तरफ, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) की हिस्सेदारी 52.3% से घटकर 47.2% रह गई है।

शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव

HDFC बैंक के शेयर की कीमत जनवरी में तिमाही नतीजों के बाद 14% से ज्यादा गिर गई थी। विदेशी निवेशकों की बिकवाली की वजह से शेयरों में गिरावट आई थी। इसके बाद फरवरी में इसमें और 4% की गिरावट आई, लेकिन फिर इसमें तेजी आई। मार्च से जून के अंत तक शेयरों में लगभग 20% की बढ़त हुई और ये ₹1,83.80 पर पहुंच गया।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, म्यूचुअल फंडों द्वारा HDFC बैंक में जमकर खरीदारी की वजह से शेयरों में तेजी आई। इसकी दूसरी वजह पैसिव फंडों में मोटा पैसा आना था। पैसिव फंड्स Nifty और Sensex को ट्रैक करते हैं, जिनमें HDFC बैंक एक बड़ी कंपनी है।

लेकिन, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे आने के बाद से इस महीने फिर से शेयरों पर दबाव पड़ा है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म BofA ने नतीजों के बाद इस शेयर को ‘खरीदें’ से घटाकर ‘neutral’ कर दिया है।

अन्य कंपनियों में म्यूचुअल फंडों का निवेश

एचडीएफसी बैंक के अलावा, जिन कंपनियों में म्यूचुअल फंडों ने सबसे ज्यादा खरीदारी की, उनमें इंडस टावर्स, Mphasis, वेदांता, इंफोसिस और टीसीएस शामिल हैं। दो प्रमुख आईटी कंपनियों में कुल निवेश 4,870 करोड़ रुपये रहा।

यह खरीदारी आईटी कंपनियों के प्रदर्शन में संभावित सुधार से पहले हुई। टीसीएस के तिमाही नतीजे अनुमानों से बेहतर रहने के बाद शुक्रवार को आईटी शेयरों में तेजी आई। टीसीएस में 6.7 फीसदी की बढ़त आई, जबकि इंफोसिस में 3.25 फीसदी का उछाल आया।

दूसरी तरफ, सबसे ज्यादा बिकने वाले शेयरों की लिस्ट में सरकारी कंपनियां हावी रहीं। जून में म्यूचुअल फंडों द्वारा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों को सबसे ज्यादा बेचा गया। साथ ही, MF ने आईसीआईसी बैंक, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और ज़ी एंटरटेनमेंट में अपने निवेश को भी कम कर लिया।

स्मॉल कैप स्पेस में निवेश

रिपोर्ट के अनुसार, स्मॉल कैप स्पेस में सबसे ज्यादा खरीदारी ZF कॉमर्शियल व्हीकल, ग्लैंड फार्मा, Craftsman ऑटोमेशन, इंद्रप्रस्थ गैस, एस्टर डीएम हेल्थ और कल्पतरू प्रोजेक्ट्स में देखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, जेडएफ कमर्शियल व्हीकल में नेट निवेश 1,530 करोड़ रुपये रहा।

First Published - July 12, 2024 | 8:36 PM IST

संबंधित पोस्ट