भारत-केंद्रित फंडों में आईशेयर्स एमएससीआई इंडिया ईटीएफ ने सबसे ज्यादा निकासी की है। इस अमेरिकी सूचीबद्ध ईटीएफ (जो लगभग 10 अरब डॉलर का प्रबंधन करता है) से निवेशकों ने आधा अरब डॉलर से ज्यादा की निकासी की है। इस बीच, इलारा कैपिटल द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार 30 जुलाई से 20 अगस्त के बीच विजडमट्री इंडिया अर्निंग्स फंड और अमुंडी एमएससीआई इंडिया-2 में क्रमशः 22.5 करोड़ डॉलर और 10.3 करोड़ डॉलर की निकासी हुई।
भारतीय बाजार पिछले आठ महीनों में सबसे तेज बिकवाली का सामना कर रहे हैं जबकि चीनी शेयर बाजारों में नया निवेश पहुंच रहा है। एलारा कैपिटल के अनुसार पिछले चार सप्ताह में भारत-केंद्रित फंडों से 1.8 अरब डॉलर की निकासी हुई और यह जनवरी के बाद से सबसे ज्यादा है। इसके विपरीत, चीन के फंडों से 3 अरब डॉलर और हांगकांग के फंडों से 4.5 अरब डॉलर की निकासी हुई।
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि यह बदलाव अक्टूबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की जीत के बाद हुआ है जिससे निवेशकों की धारणा बदल गई है। तब से भारत से 3.7 अरब डॉलर की निकासी दर्ज की गई है जबकि चीन ने 5.4 अरब डॉलर का निवेश खींचा है।
एलारा कैपिटल ने बताया कि यह हालिया बदलाव मार्च और सितंबर 2024 के बीच आए निवेश के विपरीत है। तब भारत ने 29 अरब डॉलर का संचयी निवेश हासिल किया था जबकि चीन ने 26 अरब डॉलर का निवेश गंवाया था।
इलारा कैपिटल के नोट में कहा गया है, ‘सभी उभरते बाजारों (ईएम) में सबसे कमजोर निवेश भारत में बना हुआ है। हाल में भारत से निकाले गए 1.8 अरब डॉलर के निवेश में से 1 अरब डॉलर ईटीएफ से और 77 करोड़ डॉलर ऐक्टिव फंडों से हुए हैं। अप्रैल में ट्रंप के टैरिफ को लेकर मचे घमासान के बाद निवेश ईटीएफ में केंद्रित रहा जबकि अक्टूबर 2024 से लॉन्ग-ओनली फंड लगातार निकासी के दबाव में हैं।’
वैश्विक फंडों की बिकवाली की भरपाई घरेलू निवेशकों की जोरदार खरीदारी से हुई है और जुलाई से म्युचुअल फंडों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।
पिछले सप्ताह नोमूरा ने कहा कि भारत ईएम बास्केट में फिसल रहा है। 45 बड़े ईएम फंडों के उसके विश्लेषण से पता चला है कि जुलाई में भारत में सापेक्ष आवंटन मासिक आधार पर 110 आधार अंक घटा है और 41 फंडों ने निवेश कम किया है।
भारत अब ईएम पोर्टफोलियो में सबसे कमजोर बाजार है। सका आवंटन बेंचमार्क एमएससीआई ईएम इंडेक्स से 2.9 प्रतिशत अंक कम है। इसके विपरीत जुलाई में हांगकांग, चीन और दक्षिण कोरिया में आवंटन क्रमशः 80 आधार अंक, 70 आधार अंक और 40 आधार अंक बढ़े।