इन्वेस्को म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी ताहिर बादशाह ने पुनीत वाधवा के साथ फोन पर हुई बातचीत में कहा कि आगामी वर्षों में बाजारों के लिए और तेजी की व्यापक संभावना है। उनका मानना है कि पिछले पांच वर्षों के मुकाबले आगामी पांच साल में बेहतर आर्थिक चक्र का अनुभव करने के लिए भारत के लिए जरूरी आधार मौजूद हैं। इससे बाजारों को इस ऐतिहासिक सफलता के नजदीक पहुंचने में मदद मिलेगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या भारतीय इक्विटी बाजार अब शेयर-केंद्रित दृष्टिकोण वाला बन गया है?
जहां एनएसई के निफ्टी-50 सूचकांक ने वित्त वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक करीब 14 प्रतिशत प्रतिफल दिया है, वहीं वैश्विक और स्थानीय मुद्रा चक्रों के उतार-चढ़ाव के बाद से पिछले दो साल का सालाना प्रतिफल 11 प्रतिशत रहा है। यह 13 प्रतिशत तथा 15.5 प्रतिशत की पांच वर्षीय और 10 वर्षीय सालाना वृद्धि दरों के मुकाबले कम है। पिछले पांच वर्षों के मुकाबले आगामी पांच साल में बेहतर आर्थिक चक्र का अनुभव करने के लिए भारत के लिए जरूरी आधार मौजूद हैं। इससे बाजार को कम से कम इस ऐतिहासिक सफलता के नजदीक तक पहुंचने में मदद जरूर मिलेगी। आगामी वर्ष में अर्थव्यवस्था के कई सेगमेंटों में तेजी दिखेगी।
इन्वेस्को में आपने 20 महीने के समेकन दौर और फिर मार्च 2023 से तेजी का प्रबंधन कैसे किया?
2021 के आखिर या 2022 के शुरू में, हमने बढ़ती ब्याज दरों की आशंका के साथ वृद्धि के मुकाबले मूल्य को प्राथमिकता देने वाले बाजारों की संभावना के लिए तैयारी शुरू कर दी। हमने उद्योगों के प्रति अपना ओवरवेट नजरिया पहले ही बढ़ाया है और वाहन तथा हाई-ऐंड कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी को छोड़कर खपत पर ज्यादा सतर्कता बरती है। मार्च 2023 से, निवेश ज्यादा संतुलित बनाया गया है, क्योंकि हमारा मानना था कि ब्याज दरें आखिरकार 2024 में घटेंगी। अब हमारी पसंद में खपत भी शामिल है।
आपके पसंदीदा क्षेत्र कौन से हैं?
भारत मौजूदासमय में एक ऐसे मजबूत निवेश चक्र से गुजर रहा है जो लंबी अवधि तक बना रह सकता है और आर्थिक वृद्धि के मुख्य वाहक के तौर पर योगदान दे सकता है।
चूंकि मुद्रास्फीति थमी है और अगले 12-15 महीनों के दौरान ब्याज दर चक्र में नरमी की संभावना बढ़ी है, इसलिए खपत में भी बदलाव देखा जा सकता है। हम औद्योगिक अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेगमेंटों पर सकारात्मक नजरिया अपनाए हुए हैं और टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर तथा खपत जैसे क्षेत्रों में अवसर देख रहे हैं।
क्या स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट अब ज्यादा कारोबार वाले सेगमेंट बन गए हैं?
स्मॉलकैप इस साल के शुरू से ही हमारे पसंदीदा रहे हैं। जहां इस सेगमेंट ने पूंजी प्रवाह और प्रतिफल, दोनों के संदर्भ में पिछले कुछ महीनों में बेहतर प्रदर्शन किया है, वहीं अगले कुछ वर्षों के दौरान भी इसमें आकर्षक प्रतिफल की संभावना बनी हुई है। स्मॉलकैप और मिडकैप अक्सर घरेलू आर्थिक चक्र में सुधार के दौरान ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हैं और ताजा तेजी के बावजूद इनका मूल्यांकन बहुत ज्यादा नहीं बढ़ा है।
अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
पिछली दो तिमाहियों के दौरान संपूर्ण बाजार के लिए वृद्धि का रुझान कुछ हद उम्मीद से बेहतर रहा है, भले ही वर्ष के शुरू में जताए गए अनुमान के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 की आय रफ्तार पर्याप्त साबित नहीं हुई है। हालांकि 2024-25 में शुरू होने वाले आय चक्र में आय अनुमान बढ़ाए जाने की संभावना बनी हुई है।
मई 2024 तक व्यस्त चुनावी समय के साथ किन नकारात्मक और सकारात्मक अनुमानों का असर दिखा है?
सामान्य तौर पर, इसका अंदाजा लगाना कठिन है और हम अक्सर किसी खास घटनाक्रम की वजह से अपने पोर्टफोलियो को समायोजित नहीं करते हैं। हम हर समय पूरी तरह से निवेशित बने रहते हैं। उदाहरण के लिए, 2020 के शुरू में, महामारी संकट के दौरान भी हमारे पास सिर्फ 5 प्रतिशत से भी कम नकदी मौजूद थी। हालांकि मौजूदा आर्थिक चक्र राजनीतिक परिणामों से ज्यादा प्रभावित नहीं है।
क्या आपको म्युचुअल फंड के जरिये कोष आकर्षित करने में समस्या हो रही है, क्योंकि निवेशक सीधे तौर पर बाजार में प्रवेश कर रहे हैं?
जहां व्यक्तिगत तौर पर निवेश और म्युचुअल फंडों के जरिये निवेश ने हाल में अपने स्वयं के माइक्रो-साइकल का अनुभव किया है, लेकिन उनमें अलग रुझान देखा जा रहा है, क्योंकि भारत में निवेश और बचत की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है।
क्या आप फंड प्रबंधक के तौर पर पिछले साल की चुनौतियों और सफलताओं के बारे में बता सकते हैं?
2022 में हमारी रणनीति सभी बाजार सेगमेंटों को विविधीकृत और संतुलित दृष्टिकोण आधारित बनाना थी, जो काफी हद तक कारगर साबित हुई।