मिडकैप शेयरों के लार्ज और स्मॉल-कैप शेयरों की तुलना में बेहतर रिटर्न देने की संभावना है। यह अनुमान कोटक महिंद्रा AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने 2026 के लिए कंपनी के मार्केट आउटलुक जारी करते हुए लगाया। उन्होंने कहा कि मिडकैप का यह बेहतर प्रदर्शन बहुत बड़ा नहीं होगा, लेकिन अपने साथियों की तुलना में यह कैटेगरी बेहतर दिख सकती है।
निलेश शाह के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में शेयर बाजार की दिशा कंपनियों की कमाई पर निर्भर रहेगी। भारत की कंपनियों से वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) में दोहरे अंक (double-digit) की कमाई बढ़त की उम्मीद है। यह बढ़त विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर सकती है और इससे बाजार में निवेश का फ्लो (liquidity) मजबूत रहेगा। शाह का कहना है कि निवेशकों को रिटर्न की उम्मीदें संतुलित रखनी चाहिए और अलग-अलग तरह की संपत्तियों में निवेश करके जोखिमों को कम करना चाहिए।
वर्ष 2025 में शानदार बढ़त के बाद सोना और चांदी 2026 में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इस तेजी के पीछे केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही लगातार खरीदारी एक महत्वपूर्ण वजह है। शाह ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोना-चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की भी जगह देनी चाहिए।
कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक BSE मिडकैप इंडेक्स में मामूली 0.4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। इसके मुकाबले सेंसेक्स 8.6 प्रतिशत ऊपर गया है। दूसरी तरफ, BSE स्मॉलकैप इंडेक्स में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे साफ है कि 2025 में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव रहा है, जबकि लार्ज कैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
कोटक AMC ने 2026 के लिए कई प्रमुख निवेश थीमों की ओर इशारा किया है। इनमें वित्तीय सेवाओं का क्षेत्र सबसे अहम है, क्योंकि आने वाले समय में क्रेडिट ग्रोथ में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके अलावा बढ़ती आय, GST सुधार और त्योहारों की मांग के चलते उपभोग (कन्जम्प्शन) से जुड़ी कंपनियों के लिए भी मजबूत अवसर दिखाई दे रहे हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति आय 2000 डॉलर के स्तर को पार कर चुकी है, जो आमतौर पर खर्च और डिस्क्रेशनरी खरीद में तेजी लाती है। इसका सीधा फायदा ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिलने की उम्मीद है, क्योंकि भारत दोपहिया और पैसेंजर वाहनों के मामले में अभी भी कम पैठ वाला बाजार है।
कोटक AMC का कहना है कि आने वाले सालों में ई-कॉमर्स सेक्टर मजबूत ग्रोथ दर्ज करेगा और वर्ष 2030 तक इसकी हिस्सेदारी 12–13 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और ब्यूटी एवं पर्सनल केयर जैसी कैटेगरी में विशेष रूप से तेज बढ़त की संभावना है। इसके अलावा, ई-कॉमर्स बाजार अभी भी काफी हद तक संगठित है, जहां टॉप तीन कंपनियां लगभग 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जा रखती हैं, जिससे आगे बढ़ने और मुनाफा बढ़ाने की गुंजाइश बनी हुई है। साथ ही, हेल्थकेयर सेक्टर में भी बढ़ती मांग और सेवाओं के विस्तार के चलते 2026 में अच्छे निवेश के अवसर मौजूद रहेंगे।
(डिस्क्लेमर: बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक समूह के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है।)