बाजार नियामक सेबी (SEBI) 27 जून को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में करीब दो दर्जन मामलों को मंजूरी देने पर विचार कर रहा है, जिसमें ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंडों का मूल्यांकन, ईएसजी संबंधी डिस्क्लोजर में छूट और निवेश सलाहकारों व फिनफ्लुएंसर से जुड़े नियमों में फेरबदल शामिल है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नियामक इंटरनैशनल प्राइवेट इक्विटी के आवेदन और एआईएफ के पास मौजूद असूचीबद्ध प्रतिभूतियों के लिए वेंचर कैपिटल वैल्युएशन गाइडलाइंस (आईपीईवी) को मंजूरी दे सकता है।
पिछले साल सेबी ने एआईएफ की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया था। दिशानिर्देश की दरकार है क्योंकि मूल्यांकन को लेकर मौजूदा नियम (जो म्युचुअल फंडों पर भी लागू होता है) सूचीबद्ध इकाइयों के मामलों को ही सुलझाते हैं, जिससे असूचीबद्ध इकाइयों का आकलन नहीं हो पाता। कुछ अन्य फैसले मसलन एआईएफ का प्राइवेट प्लेसमेंट मेमोरेंडम पर भी गुरुवार को फैसला हो सकता है।
एक सूत्र ने कहा कि डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए एकल शेयरों पर पात्रता शर्तों में संशोधन के प्रस्ताव पर और संपर्क की जरूरत है और बोर्ड बैठक में इसे शायद मंजूरी नहीं दी जाएगी।
हालांकि अगर इसे मंजूरी मिली तो पात्रता मानकों में संशोधन से वायदा एवं विकल्प में 75 नए शेयरों के प्रवेश का मार्ग खुल सकता है और इस सूची से करीब दो दर्जन मौजूदा शेयर बाहर हो जाएंगे। एफऐंडओ में संशोधन पर सुझाव देने वाली समिति की बैठक शुक्रवार को हुई।
बाजार नियामक सेबी फिनफ्लुएंसर के जरिये आने वाली गलत सूचनाओं पर लगाम के पूर्व प्रस्ताव पर फैसला ले सकता है। पिछले साल सेबी ने म्युचुअल फंडों और ब्रोकरों जैसे विनियमित इकाइयों के साथ फिनफ्लुएंसर के जुड़ाव पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव रखा था।
शोध विश्लेषकों और निवेश सलाहकारों के प्रशासनिक निकायों के लिए नियम आने के बाद नियामक आगामी बोर्ड बैठक में शुल्क संग्रह और इन इकाइयों की निगरानी के लिए नियमों को सुव्यवस्थित कर सकता है।
सूचीबद्ध कंपनियों और उनके वैल्यू चेन पार्टनर्स को ईएसजी पर खुलासे को लेकर अनुपालन में छूट भी सेबी की बोर्ड बैठक के एजेंडे में शामिल है।
हालांकि वित्तीय संस्थानों के वैश्विक संगठन एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्री ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (असिफमा) ने सेबी की तरफ से प्रस्तावित कई राहत कदमों का विरोध किया था।
बिजनेस रिपोर्टिंग ऐंड सस्टेनिबिलिटी रिपोर्टिंग (बीआरएसआर) में एश्योरेंस को बदलकर असेसमेंट किए जाने के सुझाव के खिलाफ आसिफमा ने सिफारिश की थी।
देसी म्युचुअल फंडों को कुछ निश्चित विदेशी फंडों, ईटीएफऔर यूनिट ट्रस्टों में निवेश की इजाजत पर फैसला हो सकता है, जिसका भारत में सीमित निवेश हो। ऐसी अनुमति से म्युचुअल फंडों को एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स और जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट्स ऑपरच्युनिटीज फंड में निवेश का मौका मिलेगा।
इसके अलावा मर्चेंट बैंकरों के लिए कारोबारी सुगमता के नियम आसान बनाने को भी इस हफ्ते सेबी मंजूरी दे सकता है।