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Tata MF ने उतारा भारत का पहला मल्टी-कैप कंजम्पशन इंडेक्स फंड, ₹5,000 से निवेश शुरू; क्या है इसकी खासियत?

NFO Alert: फंड हाउस के मुताबिक, यह नया फंड भारत की तेजी से विकसित हो रही कंजम्पशन आधारित अर्थव्यवस्था में ग्रोथ और स्थिरता का संतुलित मिश्रण प्रदान करता है

Last Updated- December 08, 2025 | 8:30 PM IST
Tata MF Consumption Funds

NFO Alert: टाटा म्युचुअल फंड ने सोमवार को भारत का पहला मल्टी-कैप कंजम्पशन इंडेक्स फंड लॉन्च करने की घोषणा की है। यह नया फंड देश की बढ़ती कंजम्पशन आधारित अर्थव्यवस्था में निवेशकों एक ही प्रोडक्ट के माध्यम से लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में डायवर्सिफाइड एक्सपोजर प्रदान करेगा। इस न्यू फंड ऑफर (NFO) का नाम टाटा बीएसई मल्टीकैप कंजम्पशन 50:30:20 इंडेक्स फंड (Tata BSE Multicap Consumption 50:30:20 Index Fund) है। यह ओपन-एंडेड स्कीम है, जो बीएसई मल्टीकैप कंजम्पशन 50:30:20 इंडेक्स (टीआरआई) के प्रदर्शन को दोहराने और ट्रैक करने के लिए डिजाइन की गई है। फंड हाउस के मुताबिक, यह भारत की तेजी से विकसित हो रही कंजम्पशन आधारित अर्थव्यवस्था में ग्रोथ और स्थिरता का संतुलित मिश्रण प्रदान करता है।

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Tata BSE Multicap Consumption 50:30:20 Index Fund की डिटेल

फंड का नाम- टाटा बीएसई मल्टीकैप कंजम्पशन 50:30:20 इंडेक्स फंड

फंड टाइप- ओपन-एंडेड इक्विटी थीमैटिक कंजम्पशन फंड

NFO ओपन डेट – 9 दिसंबर 2025

NFO क्लोजिंग डेट – 23 दिसंबर 2025

मिनिमम निवेश – ₹5,000 और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में

लॉक-इन पीरियड- कुछ नहीं

एग्जिट लोड – आवंटन की तारीख से 15 दिनों के भीतर रिडेम्पशन पर 0.25% का एग्जिट लोड देना होगा।

बेंचमार्क – बीएसई मल्टीकैप कंजम्पशन 50:30:20 इंडेक्स  (टीआरआई)

रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा जोखिम (Very High Risk)

फंड मैनेजर – नितिन भरत शर्मा और राकेश प्रजापति

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क्यों Tata MF ने लॉन्च किया कंजम्पशन फंड?

फंड हाउस के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में कंजम्पशन यानी लोगों का खर्च बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। अभी यह देश की GDP में 60% से ज्यादा योगदान देता है। अब तक जिन कंजम्पशन इंडेक्सों में निवेश होता था, उनमें ज्यादा ध्यान बड़ी कंपनियों और FMCG व ऑटो सेक्टर पर रहता था। इसलिए नए और तेजी से बढ़ने वाले सेक्टरों को कम महत्व मिलता था।

टाटा बीएसई मल्टीकैप कंजम्पशन 50:30:20 इंडेक्स फंड इन समस्याओं को दूर करने के लिए बनाया गया है। इसमें बड़ी कंपनियों के साथ-साथ मिड और स्मॉल-कैप यानी तेजी से बढ़ती कंपनियां भी शामिल होती हैं। इससे निवेश में स्थिरता और बेहतर रिटर्न की संभावना दोनों मिलती हैं।

यह इंडेक्स उन टॉप 100 कंपनियों को शामिल करता है जो लोगों की जरूरत और पसंद की चीजें बनाती या बेचती हैं — जैसे कपड़े, मोबाइल, खाने-पीने के सामान आदि। इन्हें बीएसी 500 में से चुना जाता है। इस तरह किसी एक सेक्टर या एक ही तरह की कंपनियों में निवेश ज्यादा नहीं होता। इससे निवेश जोखिम कम हो जाता है।

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क्या है इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी?

टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन ने कहा, “भारत के लिए कंजम्पशन एक लंबी अवधि का मजबूत थीम है। लेकिन अब उपभोग का स्वरूप बदल रहा है — बुनियादी जरूरतों से आगे बढ़कर लोग लाइफस्टाइल और नई चीजों पर भी पैसा खर्च कर रहे हैं। आज अमीर जिन चीजों पर खर्च कर रहे हैं, आने वाले समय में मध्यम वर्ग भी वहीं खर्च करेगा।”

उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां (लार्ज कैप) भरोसा और स्थिरता देती हैं। लेकिन असली तेजी और ज्यादा कमाई का मौका अक्सर मिड और स्मॉल-कैप कंपनियों में होता है। ये कंपनियां उन सेक्टरों में काम करती हैं, जिनकी मांग तेजी से बढ़ रही है — जैसे क्विक कॉमर्स, ट्रैवल और डिजिटल मनोरंजन।

इसीलिए इस फंड में 50% लार्ज कैप, 30% मिड कैप और 20% स्मॉल कैप शामिल किए गए हैं। इससे निवेशक पूरे कंजम्पशन सेक्टर में एक संतुलित तरीके से निवेश कर सकते हैं और किसी एक सेक्टर में ज्यादा जोखिम लेने से बच सकते हैं।


(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - December 8, 2025 | 4:09 PM IST

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