विदेशी म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ रही है। इसकी वजह अल्पावधि के लिहाज से घरेलू फंडों की तुलना में उनका बेहतर प्रदर्शन है। अगस्त में इन योजनाओं को 500 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश मिला जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे अधिक है। 25,500 नए खातों का शुद्ध जुड़ाव भी 19 महीनों में सबसे ज्यादा है।
विदेशी निवेश के लिए नियामकीय गुंजाइश उपलब्ध न होने के बावजूद मजबूत निवेश आ रहा है जबकि अधिकांश योजनाएं आवेदन के लिए बंद हैं। भारत में फंड हाउसों की ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय योजनाएं अमेरिका और चीन के शेयरों में निवेश करती हैं और दोनों में पिछले एक साल में काफी तेजी आई है। इस तेजी और रुपये में गिरावट के कारण घरेलू पेशकशों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय फंडों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि मिरे ऐसेट हैंग सेंग टेक ईटीएफ, डीएसपी वर्ल्ड गोल्ड माइनिंग ओवरसीज इक्विटी ओमनी फंड ऑफ फंड्स, मिरे ऐसेट एनवाईएसई फैंग+ ईटीएफ और इन्वेस्को इंडिया-इन्वेस्को ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेंड्स फंड ऑफ फंड्स जैसी योजनाओं ने एक साल की अवधि में 70 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। हालिया तेजी ने उनके 3 साल के प्रदर्शन को भी बेहतर बनाया है। 3 साल की अवधि में पांच अग्रणी इक्विटी योजनाओं में से चार अब अंतरराष्ट्रीय फंड हैं।
पिछले एक साल में देसी इक्विटी फंडों का प्रदर्शन काफी हद तक सुस्त रहा है क्योंकि पहली छमाही में शेयर कीमतों में गिरावट आई और उसके बाद फिर सुधार हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि तुलनात्मक प्रदर्शन वैश्विक विविधीकरण की जरूरत दर्शाता है।
प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ विशाल धवन ने कहा, अंतरराष्ट्रीय फंडों में निवेश के माध्यम से भौगोलिक रूप से विविधता के लाभ कई स्तर पर दिखते हैं। हाल का वह समय भी देखें जब दूसरे देशों की तुलना में भारत पर अपेक्षाकृत अधिक टैरिफ लगाए गए हैं और अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपए में कमजोरी आई है। इसलिए भी उन्हें भारतीय इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिली।
उन्होंने कहा, लेकिन निवेशकों को ध्यान रखना होगा कि कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मूल्यांकन उनके दीर्घकालिक औसत से अधिक हैं। इसलिए इसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। हमारे अनुभव में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फंडों का संयोजन जोखिम प्रबंधन और बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और यात्रा जैसे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अच्छा काम करता है।
निवेशकों के पास अंतरराष्ट्रीय निवेश के तीन रास्ते हैं। म्युचुअल फंडों के अलावा गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) और कुछ निवेश प्लेटफॉर्म भी निवेश के विकल्प उपलब्ध कराते हैं और अमेरिका और अन्य बाजारों में सीधे इक्विटी निवेश की सुविधा देते हैं।
गिफ्ट सिटी के माध्यम से संचालित फंडों में भी अंतरराष्ट्रीय निवेश में वृद्धि देखी जा रही है। जून तक विदेशी क्षेत्राधिकारों में निवेश 1.43 अरब डॉलर रहा जो मार्च के अंत में रहे 84.2 करोड़ डॉलर से करीब 70 फीसदी ज्यादा है। इस बीच, गिफ्ट सिटी से संचालित पीएमएस परिसंपत्तियां अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 23 फीसदी बढ़कर 1.46 अरब डॉलर हो गईं जो मार्च 2025 के अंत में 1.18 अरब डॉलर थीं। इस विकल्प का इस्तेमाल अधिकतर एचएनआई और पारिवारिक कार्यालयों द्वारा किया जाता है।