आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड की विभिन्न योजनाओं के तहत कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 10 लाख करोड़ रुपये के पार चली गईं और इस तरह से 10 लाख करोड़ रुपये की एयूएम वाली वह दूसरी म्युचुअल फंड कंपनी बन गई। देश के दूसरे सबसे बड़े फंड हाउस ने यह उपलब्धि सितंबर तिमाही के दौरान हासिल की। इस दौरान उसकी एयूएम शीर्ष पांच कंपनियों में सबसे तेजी से बढ़ी। यह बढ़त तिमाही आधार पर 7.5 फीसदी रही।
आईसीआईसीआई बैंक और प्रूडेंशियल पीएलसी का संयुक्त उद्यम यह फंड हाउस दशकों से भारतीय म्युचुअल फंड क्षेत्र के सबसे बड़े ऐसेट मैनेजरों में से एक रहा है। पिछले 5 वर्षों में उसकी औसत तिमाही एयूएम 22.8 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी है। यह वृद्धि दर उद्योग के बराबर है।
एसबीआई एमएफ 10 ट्रिलियन रुपये की एयूएम का आंकड़ा छूने वाला पहला फंड था। उसने जून 2024 में इस आंकड़े को पार किया। वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार के अनुसार फंड हाउसों की संपत्ति का बढ़ता आकार निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है।
उन्होंने कहा, 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचना महज आकार की बात नहीं है बल्कि विश्वास की बात है। यह दर्शाता है कि आम भारतीय अंततः म्युचुअल फंडों को जुआ नहीं बल्कि अपने भविष्य के निर्माण के सबसे चतुर तरीके के रूप में देख रहे हैं।
सितंबर तिमाही में टाटा एमएफ ने भी शीर्ष 10 फंड हाउस की सूची में प्रवेश किया। पिछली तिमाही में इस ऐसेट मैनेजर की औसत एयूएम 2.2 लाख करोड़ रुपये थीं जो मार्च में समाप्त तिमाही की तुलना में 10.6 फीसदी ज्यादा थीं।