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रियल एस्टेट से लेकर फार्मा तक: Quant Small Cap Fund ने कहां लगाए नए दांव?

क्वांट स्मॉल कैप फंड (Quant Small Cap Fund) अब भारत के सबसे बड़े स्मॉल-कैप म्युचुअल फंड्स में से एक है। इसके पास लगभग ₹30,000 करोड़ की संपत्ति है।

Last Updated- August 19, 2025 | 5:47 PM IST
Mutual Fund

क्वांट स्मॉल कैप फंड (Quant Small Cap Fund) अब भारत के सबसे बड़े स्मॉल-कैप म्युचुअल फंड्स में से एक है। इसके पास लगभग ₹30,000 करोड़ की संपत्ति है। जुलाई में इसने अपने पोर्टफोलियो में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए।

पोर्टफोलियो में नया क्या है?

क्वांट स्मॉल कैप फंड ने इन पांच शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया है।

  • मैराथन नेक्स्टजेन रियल्टी (8.13% हिस्सेदारी, फंड का 1.32%)
  • आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स (1.57%)
  • कैप्री ग्लोबल कैपिटल (2.95%)
  • ग्लैंड फार्मा (0.38%)
  • एंथम बायोसाइंसेज (0.66%)

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इन शेयरों में बढ़ाया निवेश

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का निवेश बढ़ाकर 0.88% से 0.95% किया गया है, और अब यह फंड का 6.76% हिस्सा बन गया है। वहीं, आनंद राठी वेल्थ में निवेश बढ़ाकर 2.68% से 3.10% किया गया है। अब यह फंड का 2.3% है।

कटौती और निकासी

क्वांट स्मॉल कैप फंड ने चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स से अपना निवेश पूरी तरह से निकाल लिया है जबकि एचपी एडहेसिव्स (HP Adhesives) और वनसोर्स स्पेशलिटी फार्मा (Onesource Specialty Pharma) में निवेश घटाया है।

निवेशकों के लिए यह क्यों मायने रखता है?

शानदार प्रदर्शन: पिछले पांच वर्षों में ₹1 लाख की एकमुश्त निवेश राशि बढ़कर ₹6.7 लाख हो गई है। यह 7 गुना रिटर्न है। वहीं, ₹10,000 मंथली SIP अब ₹11.4 लाख के बराबर हो गई है। इसका सालाना रिटर्न 37.21% रहा है।

हां, पिछला साल मुश्किल भरा रहा, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इस फंड ने 37.21% का सालाना रिटर्न दिया है जो ₹1 लाख की एकमुश्त निवेश राशि को लगभग ₹6.7 लाख तक बढ़ाने के लिए पर्याप्त है। यानी इस फंड ने सिर्फ पांच साल में 7 गुना रिटर्न दिया है। इसी दौरान, ₹10,000 की मंथली SIP भी ₹11.4 लाख तक बढ़ गई।

राज की बात? VLRT — वैल्यू रिसर्च के अग्निशेख चटर्जी ने बताया कि 4 स्टार फंड ने आत्मविश्वास या अनुमान पर भरोसा करने की बजाय VLRT नामक डेटा-आधारित दृष्टिकोण को अपनाया है।

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डायनामिक पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी (VLRT):

  • वैल्यूएशन: सस्ती निवेश संभावनाओं को पहचानता है।
  • लिक्विडिटी: ट्रैक करता है कि पैसा कहां जा रहा है।
  • रिस्क एपेटाइट: निवेशकों के मूड का आकलन करता है।
  • टाइमिंग: तभी एक्शन लेता है जब सभी कारक मेल खाएं।

यह लचीला तरीका फंड को अपनी होल्डिंग्स का 70–100% सालाना बदलने की सुविधा देता है।

चटर्जी ने बताया, “यह स्ट्रैटेजी क्वांट स्मॉल कैप फंड को हाई ग्रोथ वाली संभावनाओं का तेजी से पीछा करने और जैसे ही रफ्तार कमजोर हो, उतनी ही तेजी से बाहर निकलने की अनुमति देती है। इसके परिणामस्वरूप, फंड हर साल अपने पोर्टफोलियो का लगभग 70% बदल देता है। कुछ वर्षों में, यह 100% से भी अधिक रहा है, यानी फंड ने अपने पोर्टफोलियो की हर स्टॉक को 12 महीनों में एक से अधिक बार बदल दिया।”

निवेशक इन बातों का रखें ध्यान?

भारी उतार-चढ़ाव: इस फंड का स्टैंडर्ड डिविएशन लगभग 17.2% है, जो कि 16.96% की कैटेगरी औसत से थोड़ा अधिक है। पिछले साल, इसका रिटर्न 6% गिरा, जो कि अन्य फंडों से अधिक है।

वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, “क्योंकि यह फंड मोमेंटम (momentum) का पीछा करता है, इसलिए यह वोलेटाइल हो सकता है। हाल के महीनों में इसका प्रमाण भी देखने को मिला, पिछले 12 महीनों में यह -6% के रिटर्न के साथ औसत प्रतियोगियों (-2.2%) से काफी पीछे रहा। इसके अलावा, इसका स्टैंडर्ड डिविएशन (जो रिटर्न के उतार-चढ़ाव को मापता है) 17.19% है, जो कि स्मॉल-कैप कैटेगरी की औसत 16.96% से थोड़ा अधिक है। सरल शब्दों में कहे तो इसके रिटर्न में अधिक उतार-चढ़ाव की उम्मीद रखें।”

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लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए बेहतर: अगर आप 7 साल या उससे अधिक समय के लिए निवेश की योजना बना रहे हैं और स्थिरता की बजाय तेज ग्रोथ पसंद करते हैं, तो यह फंड अनुशासन बनाए रखने पर अच्छा रिटर्न दे सकता है।

स्ट्रैटेजिक डाइवर्सिफायर: रियल एस्टेट, लाइफस्टाइल, हेल्थकेयर, फाइनेंस जैसे विभिन्न सेक्टर्स में नए निवेशों के साथ, यह फंड सेक्टर-विशिष्ट जोखिम को संतुलित करता है और फिर भी आक्रामक बना रहता है।

टाइमिंग जरूरी: फंड की एक्टिव स्ट्रैटेजी मोमेंटम पर निर्भर करती है — लेकिन यह तेजी से बदलती है — इसलिए तेज बदलावों के लिए तैयार रहें।

ग्रोथ के लिए निवेश बनाए रखें: लंबी अवधि की प्रतिबद्धता छोटे समय के उतार-चढ़ाव को संतुलित कर सकती है।

पोर्टफोलियो थीम पर नजर रखें: पोर्टफोलियो में शामिल की गई नई कंपनियां इस बात का संकेत देती हैं कि क्वांट भविष्य में स्मॉल-कैप में कहां अवसर देख रहा है।

First Published - August 19, 2025 | 5:35 PM IST

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