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फरवरी में इक्विटी MF को नहीं मिला बड़ा निवेश, ‘स्मार्ट मनी’ रही दूर

म्यूचुअल फंड अधिकारियों के मुताबिक, कुछ निवेशकों ने पिछले तीन महीनों में पहले ही अपने अतिरिक्त फंड बाजार में लगा दिए हैं।

Last Updated- March 15, 2025 | 9:02 AM IST
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फरवरी 2025 में निवेशकों के व्यवहार में बदलाव देखने को मिला, क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) योजनाओं में लंपसम निवेश में तेज गिरावट आई। यह गिरावट तब हुई जब बाजार में बड़ा करेक्शन देखने को मिला।

लंपसम निवेश ₹33,000 करोड़ पर सिमटा

फरवरी में ग्रॉस लंपसम इन्वेस्टमेंट घटकर करीब ₹33,000 करोड़ रह गया, जो जनवरी में ₹44,800 करोड़ और दिसंबर 2024 में ₹50,500 करोड़ था।

इस गिरावट के चलते इक्विटी स्कीम्स में नेट इन्वेस्टमेंट महीने-दर-महीने 26% तक गिर गया। हालांकि, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए ₹26,000 करोड़ का निवेश जारी रहा।

इतिहास गवाह है कि जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तब लंपसम निवेश में उछाल आता है। उदाहरण के लिए, जून 2024 में, जब चुनावों के बाद बाजार में अस्थिरता थी, तब ग्रॉस लंपसम इन्वेस्टमेंट रिकॉर्ड स्तर पर था। लेकिन इस बार फरवरी में यह ट्रेंड बदल गया।

निवेशकों की सतर्कता बढ़ी

म्यूचुअल फंड अधिकारियों के मुताबिक, कुछ निवेशकों ने पिछले तीन महीनों में पहले ही अपने अतिरिक्त फंड बाजार में लगा दिए हैं, जबकि कुछ अब भी बड़ी गिरावट की उम्मीद में रुके हुए हैं। इसके अलावा, वैश्विक अनिश्चितताओं, खासकर ट्रेड टैरिफ को लेकर चिंता भी निवेशकों को सतर्क बना रही है।

मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस हेड Suranjana Borthakur के अनुसार, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेश स्थिर बना हुआ है, लेकिन हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और रिटेल निवेशकों द्वारा लंपसम निवेश में सतर्कता देखी जा रही है। इसके पीछे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं या मुनाफावसूली की रणनीति हो सकती है।

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी के इस ट्रेंड को निवेश व्यवहार में बदलाव मानना जल्दबाजी होगी। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया की सीनियर एनालिस्ट निहाल मेश्राम ने कहा कि अब तक के आंकड़े बताते हैं कि निवेशक बाजार में गिरावट का फायदा उठाकर लंपसम निवेश करते रहे हैं, लेकिन मौजूदा आर्थिक माहौल, लिक्विडिटी चिंताओं और बदलते निवेश रुझानों के कारण यह रणनीति बदल सकती है। निवेशक अब लंबी अवधि की सोच के साथ एसआईपी को प्राथमिकता दे रहे हैं, बजाय कि बड़े पैमाने पर तत्काल निवेश के।

ट्रस्ट एमएफ के सीईओ संदीप बागला का मानना है कि आने वाले महीनों में म्यूचुअल फंड में निवेश फिर से बढ़ सकता है।

उन्होंने बताया कि घरेलू विकास दर में गिरावट और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से बाजार में सुधार देखने को मिल रहा है। खासतौर पर, डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियों में बदलाव और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार बिकवाली से बाजार पर दबाव बना हुआ है। इससे निवेशक सतर्क हो गए हैं, लेकिन जैसे ही बाजार में स्थिरता आएगी, निवेश बढ़ सकता है। यह प्रक्रिया अगले कुछ महीनों तक चल सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंपसम निवेश मुख्य रूप से हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और संस्थागत निवेशकों द्वारा किया जाता है। ये निवेश बाजार में गिरावट, वैल्यूएशन अवसरों और रणनीतिक निवेश फैसलों पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा, सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स से जुड़े नए फंड ऑफरिंग्स (NFOs) भी लंपसम निवेश को आकर्षित करते हैं।

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से जुड़ी एक चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आई है। भले ही SIP निवेश स्थिर बना हुआ है, लेकिन SIP खातों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले दो महीनों से SIP खातों की संख्या घटी है क्योंकि नए खातों की तुलना में अधिक खाते बंद किए जा रहे हैं।
फरवरी 2025 में शुद्ध SIP खातों की संख्या 10 लाख घटकर 10.17 करोड़ रह गई। दूसरी ओर, सकल लंपसम निवेश की गणना कुल इक्विटी स्कीमों में आए कुल निवेश से SIP निवेश को घटाकर की जाती है।

First Published - March 15, 2025 | 9:02 AM IST

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