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Baroda BNP Paribas MF: नए सेक्टोरल फंड में निवेश का मौका, लॉन्ग टर्म बना सकते हैं वेल्थ; 21 जनवरी से लगा सकेंगे पैसा

बड़ौदा बीएनपी परिबास एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड अपने कुल एसेट्स का 80% से अधिक हिस्सा ट्रेडिशनल और न्यू एनर्जी सेक्टर्स की कंपनियों में लगाएगा।

Last Updated- January 21, 2025 | 6:39 AM IST
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Baroda BNP Paribas Mutual Fund NFO: बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड ने बड़ौदा बीएनपी पारिबा एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड (Baroda BNP Paribas Energy Opportunities Fund) के नाम से अपना नया फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो सेक्टोरल/थीमैटिक कैटेगरी में आती है। यह एनएफओ 21 जनवरी 2025 से 4 फरवरी 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा।

यह स्कीम एनर्जी सेक्टर की ग्रोथ का फायदा उठाने के लिए डिजाइन की गई है, क्योंकि भारत एक डेवलपिंग से डेवलप्ड इकनॉमी बनने की ओर बढ़ रहा है।

Baroda BNP Paribas MF NFO: कितने से शुरू करें निवेश?

बड़ौदा बीएनपी पारिबा एनर्जी ऑपर्च्युनिटीज फंड में निवेश के लिए मिनिमम लंपसम अमाउंट 1,000 रुपये तय की गई है, जिसके बाद ₹1 के मल्टीपल में निवेश किया जा सकता है। सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के तहत, डेली, वीकली और मंथली SIP के लिए मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट 500 रुपये है, जबकि क्वार्टरली SIP के लिए यह 1,500 रुपये है। इन सभी विकल्पों में निवेश ₹1 के मल्टीपल में किया जा सकता है।

अतिरिक्त आवेदन राशि के लिए न्यूनतम सीमा 1,000 रुपये है, जिसके बाद ₹1 के मल्टीपल में निवेश संभव है। निवेश की राशि पर कोई अधिकतम सीमा नहीं रखी गई है। साथ ही, ट्रस्टी/AMC समय-समय पर न्यूनतम आवेदन राशि और अतिरिक्त निवेश राशि में बदलाव कर सकते हैं। यह बदलाव योजना के विभिन्न विकल्पों या प्लान्स के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

Baroda BNP Paribas MF NFO: कंपनी के सीईओ का बयान

बड़ौदा बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के CEO सुरेश सोनी ने कहा कि “एनर्जी प्रॉस्पेरिटी की कुंजी है।” उन्होंने यह भी बताया कि जब कोई देश डेवलपिंग से डेवलप्ड इकनॉमी की तरफ मूव करता है, तो एनर्जी की डिमांड काफी तेजी से बढ़ती है। भारत के GDP में अगले 5 सालों में 1.9 गुना ग्रोथ का अनुमान है, और एनर्जी डिमांड में 1.7 गुना बढ़ोतरी की संभावना है। यह फंड एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ कर रही कंपनियों में इनवेस्ट करेगा, जिससे इन्वेस्टर्स को लॉन्ग-टर्म बेनिफिट मिल सकता है।

इन्वेस्टमेंट करने से पहले स्कीम से जुड़े डॉक्यूमेंट्स और रिस्क फैक्टर्स को ध्यान से पढ़ने की सलाह दी जाती है।

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Baroda BNP Paribas MF NFO: कौन कर सकता है निवेश?

यह फंड उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जो 3 साल या उससे अधिक की होल्डिंग अवधि के साथ इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं।

सुरेश सोनी, एमडी और सीईओ, बड़ौदा बीएनपी परिबास एएमसी, ने कहा, “यह फंड हमारे ब्रांड वादे ‘टूगेदर फॉर मोर’ को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए फायदा पहुंचाने में मदद करेगा।”

एग्जिट लोड:

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एग्जिट लोड से जुड़े नियमों को समझना जरूरी है। यदि आप अपनी यूनिट्स का 10% से अधिक रिडीम या स्विच आवंटन की तारीख से 1 साल के भीतर करते हैं, तो 1% एग्जिट लोड लगेगा। हालांकि, 10% तक की यूनिट्स रिडीम करने या किसी अन्य मामले में कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा। यह नियम फंड की योजनाओं के बीच स्विच और सभी SIP, STP, और SWP पर भी लागू होगा।

एक ही योजना के IDCW विकल्प में पुनर्निवेश की गई राशि और बोनस यूनिट्स पर कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा। यदि रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में स्विच करते हैं, तो एग्जिट लोड लगेगा (जब तक निवेश सीधे न किया गया हो), लेकिन डायरेक्ट प्लान से रेगुलर प्लान में स्विच करने पर कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा।

एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) एग्जिट लोड में किसी भी बदलाव की स्थिति में एक एडेंडम जारी करेगी और इसे अपनी वेबसाइट और इन्वेस्टर सर्विस सेंटर (ISC) पर प्रदर्शित करेगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश करने से पहले इन शर्तों को अच्छी तरह से समझ लें।

Baroda BNP Paribas MF NFO: फंड की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी

बड़ौदा बीएनपी परिबास एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड अपने कुल एसेट्स का 80% से अधिक हिस्सा ट्रेडिशनल और न्यू एनर्जी सेक्टर्स की कंपनियों में लगाएगा। ये कंपनियां उत्पादन, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसपोर्टेशन और प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं।

फंड निफ्टी एनर्जी टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) का उपयोग बेंचमार्क के रूप में करेगा। रिसर्च में पाया गया है कि यह इंडेक्स निफ्टी 500 TRI के मुकाबले लोअर प्राइस-टु-इक्विटी रेश्यो, बेहतर डिविडेंड यील्ड और हाई अर्निंग ग्रोथ प्रदान करता है।

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चीन और भारत में एनर्जी ग्रोथ पर फोकस

2003 से 2023 के बीच चीन में प्रति व्यक्ति एनर्जी कंजम्पशन 1.5 मेगावाट घंटे (MWh) से बढ़कर 6.6 मेगावाट घंटे (MWh) हो गया, जो जीडीपी ग्रोथ का मजबूत संकेत है। भारत भी इसी राह पर है, जहां घरों, खेती, इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर में एनर्जी की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

बड़ौदा बीएनपी पारिबास एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (इक्विटी) संजय चावला ने बताया कि एनर्जी सेक्टर में निवेश एक व्यापक थीम है, जिसमें निफ्टी 500 इंडेक्स के करीब एक तिहाई शेयर शामिल हैं।

Baroda BNP Paribas MF NFO: सरकार की एनर्जी स्कीम्स से लाभ

सरकार 2030 तक भारत की एनर्जी मिक्स में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15% करने और सालाना 50 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी के लिए बोलियां आमंत्रित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग जैसे कदम एनर्जी सेक्टर को और मजबूत करेंगे।

(*डिस्कलेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - January 20, 2025 | 2:48 PM IST

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