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Axis MF NFO: कम लागत में बड़ा फायदा! 100 रुपये से शुरू करें मोमेंटम स्ट्रैटेजी में निवेश; जुड़े हैं ये जोखिम

एक्सिस म्यूचुअल फंड का यह पैसिव इन्वेस्टमेंट ऑप्शन कम लागत में मोमेंटम इनवेस्टिंग का बेहतर विकल्प पेश करता है।

Last Updated- January 24, 2025 | 9:34 AM IST
New Fund Offer
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Axis MF NFO: एक्सिस म्यूचुअल फंड ने एक्सिस निफ्टी 500 मोमेंटम 50 इंडेक्स फंड (Axis Nifty500 Momentum 50 Index Fund) लॉन्च किया है। यह एक ओपन-एंडेड इंडेक्स फंड है, जो Nifty500 Momentum 50 TRI को ट्रैक करेगा। यह नया फंड ऑफर (NFO) 24 जनवरी 2025 से 7 फरवरी 2025 तक निवेश के लिए खुला रहेगा। यह फंड खासतौर पर उन निवेशकों के लिए पेश किया गया है, जो बाजार में मोमेंटम-आधारित इनवेस्टमेंट के जरिए मुनाफा कमाने का लक्ष्य रखते हैं।

Axis MF: कौन कर सकता है निवेश?

अगर आप अपने पोर्टफोलियो में मोमेंटम स्ट्रैटेजी जोड़ना चाहते हैं और स्टॉक्स के सेलेक्शन में आने वाली दिक्कतों से बचना चाहते हैं, तो यह NFO आपके लिए सही हो सकता है। एक्सिस म्यूचुअल फंड का यह पैसिव इन्वेस्टमेंट ऑप्शन कम लागत में मोमेंटम इनवेस्टिंग का बेहतर विकल्प पेश करता है।
यह स्कीम निवेशकों को निफ्टी500 मोमेंटम 50 TRI इंडेक्स के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न देने का लक्ष्य रखती है। इसका मतलब है कि यह स्कीम उस इंडेक्स की गति और रुझान को फॉलो करेगी और उसी के हिसाब से निवेशकों को रिटर्न देने की कोशिश करेगी। हालांकि, स्कीम के प्रदर्शन में ट्रैकिंग एरर (यानी इंडेक्स और स्कीम के रिटर्न में अंतर) हो सकता है। इसके अलावा, यह भी जरूरी नहीं है कि स्कीम अपने निवेश उद्देश्य को पूरी तरह से हासिल कर पाए। निवेश बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए इसमें निवेश करने से पहले सारी जानकारी को अच्छे से समझना जरूरी है।

Axis MF: कितने रुपये से शुरू करें निवेश?

मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट सिर्फ 100 रुपये रखी गई है, जिसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश किया जा सकता है। यह स्कीम निफ्टी 500 मोमेंटम इंडेक्स से जुड़े शेयरों में निवेश करती है और एक निष्क्रिय निवेश रणनीति अपनाती है। अलॉटमेंट की तारीख से 15 दिनों के भीतर रिडीम या स्विच आउट करने पर 0.25% का एग्जिट लोड लगेगा। हालांकि, 15 दिनों के बाद रिडीम या स्विच आउट करने पर कोई एग्जिट लोड नहीं लिया जाएगा।

Axis Nifty500 Momentum 50 Index Fund: जोखिमों पर एक नजर

पैसिव निवेश से जुड़े जोखिम:

यह स्कीम Nifty500 Momentum 50 Index के प्रदर्शन को ट्रैक करती है। अगर बाजार में गिरावट आती है तो स्कीम के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। स्कीम इंडेक्स के सभी स्टॉक्स में निवेश करती है, भले ही वे निवेश के लिहाज से सही हों या नहीं।

ट्रैकिंग एरर का जोखिम:

स्कीम का प्रदर्शन उसके इंडेक्स से अलग हो सकता है। यह अंतर ट्रैकिंग एरर कहलाता है और इसके कारण हो सकते हैं: स्टॉक्स की खरीद-बिक्री में देरी,कॉर्पोरेट ऐक्शन्स, खर्च और फीस, कैश बैलेंस बनाए रखना।

ट्रैकिंग डिफरेंस:

इंडेक्स और स्कीम की रिटर्न्स के बीच के अंतर को हर महीने AMC और AMFI की वेबसाइट पर बताया जाएगा।

इंडेक्स से जुड़े जोखिम:

Nifty500 Momentum 50 Index में 50 स्टॉक्स होते हैं, जिनमें मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स भी शामिल हैं। स्टॉक्स की खरीद-बिक्री में तरलता (liquidity) की कमी हो सकती है, जिससे स्कीम और इंडेक्स में अंतर आ सकता है।

इक्विटी निवेश से जुड़े जोखिम:

  • इक्विटी मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है।
  • सेटलमेंट में देरी से निवेश के अवसर छूट सकते हैं।
  • सरकार की नीतियों, ब्याज दरों और मुद्रा विनिमय दरों में बदलाव से स्टॉक्स की कीमत प्रभावित हो सकती है।

डेरिवेटिव्स से जुड़े जोखिम:

डेरिवेटिव्स में निवेश अधिक जोखिम भरा है क्योंकि ये लीवरेज्ड (leveraged) उत्पाद हैं।
बाजार में तरलता की कमी, गलत प्राइसिंग, या काउंटरपार्टी डिफॉल्ट से नुकसान हो सकता है।
ऑप्शन राइटर को अधिक नुकसान हो सकता है।

फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज से जुड़े रिस्क:

इंटरेस्ट रेट रिस्क: ब्याज दर बढ़ने पर बॉन्ड की कीमत गिरती है।
री इन्वेस्टमेंट रिस्क : कूपन पेमेंट या मैच्योरिटी पर रिटर्न कम हो सकता है।
लिक्विडिटी रिस्क: बाजार में बॉन्ड बेचने में दिक्कत हो सकती है।
क्रेडिट रिस्क: जारीकर्ता डिफॉल्ट कर सकता है।
सेटलमेंट रिस्क: समय पर लेन-देन पूरा न होने से नुकसान हो सकता है।

निवेशकों के लिए सलाह: यह स्कीम जोखिम से मुक्त नहीं है। निवेश करने से पहले पूरी जानकारी और अपने जोखिम लेने की क्षमता का आकलन जरूर करें।

क्या होती है मोमेंटम इन्वेस्टिंग?

मोमेंटम इन्वेस्टिंग (Momentum investing) एक ऐसी रणनीति है, जिसमें निवेशक तेजी से बढ़ रहे एसेट्स पर ध्यान देते हैं और गिरते ट्रेंड्स से बचने की कोशिश करते हैं। इसका मुख्य फोकस उन एसेट्स को खरीदना होता है, जो ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं, और जब ट्रेंड कमजोर पड़ने लगे, तो उन्हें बेच देना।

यह रणनीति इस विचार पर आधारित है कि ट्रेंड्स में निरंतरता होती है। यानी, अगर कोई स्टॉक ऊपर जा रहा है, तो उसके अचानक गिरने की संभावना कम होती है।

मोमेंटम निवेशक तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं। वे चार्ट्स और मूविंग एवरेज जैसे इंडिकेटर्स को देखकर तय करते हैं कि कब निवेश करना या कब बाहर निकलना सही रहेगा। इस रणनीति को नए निवेशक भी अपनाते हैं, क्योंकि उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन एक्सपर्ट्स से इसकी सलाह मिलती है।

(*डिस्कलेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - January 24, 2025 | 9:34 AM IST

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