अदाणी समूह कंपनियों को बाजार की गिरावट से राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को समूह से जुड़े सभी 10 शेयरों में बिकवाली देखी गई। समूह के कर्ज स्तरों और भुगतान क्षमताओं से जुड़ी चिंताओं से निवेशक धारणा पर दबाव बना हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक इसे लेकर भी चिंतित हैं कि क्या अदाणी समूह मौजूदा संकट के बीच अपनी वृद्धि की रफ्तार को बरकरार रखने में सक्षम रहेगा या नहीं।
समूह की दो बेहद मूल्यवान कंपनियों अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स ऐंड सेज के शेयरों में बुधवार को 10.4 और 6.2 प्रतिशत की गिरावट आई।
अदाणी समूह से जुड़े 6 अन्य शेयरों में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और इस वजह से समूह का कुल बाजार पूंजीकरण नुकसान 51,348 करोड़ रुपये तक और बढ़ गया। इसे मिलाकर, 24 जनवरी को शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से समूह के बाजार पूंजीकरण में अब तक 11.6 लाख करोड़ रुपये या 140 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है।
समूह का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर अब महज 7.6 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो वर्ष के शुरू में 20 लाख करोड़ रुपये था।
बुधवार को समूह के शेयरों में गिरावट उन नई रिपोर्टों के बीच आई, जिनमें कहा गया कि बाजार नियामक सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से अदाणी कंपनियों के स्थानीय ऋणों और प्रतिभूतियों की रेटिंग का विवरण मांगा है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में रेटिंग कंपनियों ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट उजागर होने के बाद से अदाणी कंपनियों की रेटिंग या आउटलुक में बदलाव नहीं किया है।
अन्य खबर में कहा गया कि विकीपीडिया के संपादकों ने अदाणी समूह के कर्मचारियों पर समूह के पक्ष में कंटेंट का सहारा लेने का आरोप लगाया।
इस सप्ताह के शुरू में, एक बड़े पर्यावरणीय, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसजी) फंड ने समूह की एक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच दी।
SPTulsian.Com के संस्थापक एसपी तुल्सीयान ने कहा कि बुधवार की गिरावट तकनीकी कारणों से अधिक थी।
उन्होंने कहा, ‘रेटिंग एजेंसियों का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। वे कंपनी को तब तक डाउनग्रेड नहीं करतीं, जब तक कि वह डिफॉल्ट की हालत में न पहुंच जाए। अदाणी समूह में ऐसा कुछ नहीं हुआ था। इसके विपरीत, समह ने अपना बकाया भी चुकाया है।
सेबी ने सभी दृष्टिकोण से जांच की है। बुधवार की गिरावट काफी हद तक तकनीकी कारणों से आई। हो सकता है कि अगले सप्ताह से समूह के लिए हालात में सुधार आ जाए। अल्पावधि में, आप उस समय ज्यादा स्थिरता की उम्मीद कर सकते हैं, जब समूह कंपनियां अपने ऑडिटेड विवरणों के साथ आगे आएंगी।’
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अदाणी समूह के शेयरों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।