सोमवार को बीएसई पर हॉस्पिटल कंपनियों के शेयरों में 2% से 5% तक की तेजी देखी गई। यह तेजी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लगभग 2,000 मेडिकल प्रोसिजर के लिए CGHS (Central Government Health Services) योजना में नए रेट्स की घोषणा के बाद आई। ये नए रेट 13 अक्टूबर से लागू होंगे।
Yatharth Hospital & Trauma Care Services, Max Healthcare Institute, Fortis Healthcare, Apollo Hospitals Enterprises, HealthCare Global Enterprises और Krishna Institute of Medical Sciences के शेयर 2% से 5% तक बढ़े। उसी समय BSE Sensex 0.18% बढ़कर 81,354 पर था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, CGHS योजना में 2,000 मेडिकल प्रोसिजर के रेट्स को नया रूप दिया गया है। अब चार अलग-अलग पैमानों के आधार पर रेट तय किए जाएंगे। NABH या NABL मान्यता प्राप्त अस्पतालों में मरीजों का इलाज बेस रेट पर होगा। गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों के रेट 15% कम होंगे, जबकि CGHS में रजिस्टर्ड सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल (200 से अधिक बेड) के रेट बेस रेट से 15% अधिक होंगे। सभी अस्पतालों को 13 अक्टूबर से पहले इन नए नियमों को स्वीकार करना होगा, अन्यथा उन्हें नए सिरे से CGHS में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
ICICI Securities का कहना है कि Narayana Hrudayala, Aster DM और Healthcare Global जैसे निजी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल इस नए रेट स्ट्रक्चर से लाभ उठा सकते हैं। इन अस्पतालों में CGHS मरीजों से 15% अधिक रेट पर राजस्व बढ़ने की संभावना है।
FY25 में अस्पताल नेटवर्क ने लगभग 4,000 बेड जोड़े, और FY26 में 3,400 बेड और जोड़ने की योजना है, जिससे 2024 से कुल क्षमता में 23% की बढ़ोतरी होगी। हालांकि, देश में प्रति 1,000 लोगों पर बिस्तर की संख्या अभी भी कम (~1.6) है, खासकर मेट्रो से बाहर, जिससे प्राइवेट निवेश और PPP मॉडल के माध्यम से विस्तार जारी रहेगा।
भारत का मेडिकल टूरिज्म FY25 में मजबूत हुआ। वैश्विक मरीजों की संख्या 33% बढ़कर लगभग 20 लाख हो गई। अंतरराष्ट्रीय अस्पतालों का राजस्व लगभग $10 बिलियन था और यह 2026 तक $13 बिलियन तक बढ़ने की संभावना है, खासकर ऑर्थोपेडिक्स, कार्डियोलॉजी और ऑन्कोलॉजी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद है।
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FY26 में अस्पताल सेक्टर में लगातार वृद्धि की उम्मीद है, जिसमें बेड की संख्या बढ़ाना, डिजिटल केयर मॉडल, प्राइवेट निवेश और अंतरराष्ट्रीय मरीज शामिल हैं। बड़े, तकनीक-सक्षम और मरीज-केंद्रित अस्पताल इस बदलाव से सबसे अधिक लाभ उठा सकते हैं।
Tier II और Tier III शहरों में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, जो निजी अस्पतालों के लिए बड़ा अवसर है। कई बड़े अस्पताल चेन ने इन शहरों में विस्तार किया है। इसका फायदा यह है कि क्वालिटी स्वास्थ्य सेवा ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।