हाल के गिरावट भरे दिनों के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में थोड़ी राहत देखी गई। निफ्टी ने आधे फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की और दिन का अंत 25,219.90 पर किया। दिन की शुरुआत बढ़त के साथ हुई, और पहले आधे हिस्से में निफ्टी सीमित दायरे में रहा। लेकिन बाद में बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के चुनिंदा बड़े शेयरों में मजबूती के चलते इंडेक्स में तेजी आई। इसके चलते निफ्टी ने अपने 20-डे मूविंग एवरेज (20 DEMA) को पार किया और पिछले स्विंग हाई (लगभग 25,250) के करीब पहुंच गया।
बात सेक्टर्स की करें तो बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला। ऑटो, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में खरीदारी रही, जबकि रियल्टी और FMCG शेयरों में गिरावट देखी गई। मिडकैप इंडेक्स में आधा फीसदी की तेजी आई, लेकिन स्मॉलकैप लगभग सपाट बंद हुआ। बाजार में यह रिकवरी मुख्यतः बैंकिंग कंपनियों की मजबूती से आ रही है, जबकि अन्य सेक्टर्स के बड़े शेयर हाल की गिरावट के बाद अब स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं।
हालांकि IT सेक्टर, जो निफ्टी में एक अहम हिस्सेदारी रखता है, अब भी दबाव में है और धीरे-धीरे नीचे खिसकता जा रहा है। अब सबकी निगाहें Infosys के नतीजों पर टिकी हैं, जो IT सेक्टर की अगली चाल को तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे माहौल में Religare Broking के SVP-Research अजित मिश्रा निवेशकों को सतर्क रहने और ‘हेज्ड अप्रोच’ अपनाने की सलाह देते हैं।
ऑटो सेक्टर धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है और इस सेक्टर में अशोक लीलैंड फिलहाल एक आकर्षक मौका देता है। पिछले तीन महीनों से यह स्टॉक लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है और अब यह अपने पुराने ऊपरी स्तरों के करीब पहुंच रहा है। यह अपने 50-Days EMA से ऊपर बना हुआ है और हाल ही में एक छोटे गिरावट के बाद फिर से तेज़ी की ओर मुड़ गया है। तकनीकी चार्ट पर इसका सेटअप सकारात्मक है, और सेक्टर की मजबूती इसे और ऊंचाई तक ले जा सकती है।
बाजाज फिनसर्व ने हाल की गिरावट के बावजूद खुद को संभाले रखा है और एक मजबूत सपोर्ट ज़ोन के ऊपर स्थिरता के साथ ट्रेड कर रहा है। BFSI सेक्टर में फिर से रफ्तार आने लगी है और ऐसे में इस स्टॉक में तेजी की संभावना बन रही है। वर्तमान कंसॉलिडेशन को एकत्रीकरण (accumulation) के तौर पर देखा जा रहा है।
मेटल सेक्टर में लगातार रोटेशनल तेजी देखने को मिल रही है और जिंदल स्टील उनमें से एक मजबूत प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा है। यह स्टॉक हाल ही में अपने 200-Days EMA से उबर चुका है और एक डाउनवर्ड ट्रेंडलाइन को भी पार कर चुका है। यह अब एक ट्रेंड कंटीन्युएशन पैटर्न पूरा करने की कगार पर है, जिससे आने वाले दिनों में तेज़ी की बड़ी चाल संभव है। तकनीकी रूप से यह एक मजबूत मांग वाले ज़ोन में है।
(नोट: ये राय Religare Broking के SVP-Research अजित मिश्रा की है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें।)