पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक ऐसे नियम को आसान बनाने पर जोर दिया है जिससे फंड मैनेजरों को कुछ राहत मिल सकती है। एक परामर्श पत्र में, सेबी ने कहा है कि वह परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) को फंड मैनेजरों द्वारा सभी बातचीत की रिकॉर्डिंग की मौजूदा व्यवस्था और बाजार घंटों के दौरान व्यक्तिगत मोबाइल फोन इस्तेमाल पर प्रतिबंध को लेकर राहत मिल सकती है।
फोन तक पहुंच के अभाव से फंड मैनेजरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कॉल करने के अलावा इनका इस्तेमाल वित्तीय बाजार के लेनदेन से लेकर कई तरह के दैनिक कार्यों में किया जाता है। कई एएमसी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस प्रावधान में ढील देने से इनकार कर सकती हैं।
ग्लैंड फार्मा की मजबूत खुराक की दरकार
शुक्रवार को ग्लैंड फार्मा का शेयर 20 प्रतिशत गिरकर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया था। शांघाई की फोसन फार्मा प्रवर्तित फर्म द्वारा वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही में राजस्व अनुमान के अनुरूप नहीं रहा। एक प्रमुख ग्राहक द्वारा दिवालियापन प्रक्रिया का आवेदन करने, चीनी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा और उत्पादन बंद रहने से कंपनी का वित्तीय परिणाम अपेक्षित नहीं रहा है। ग्लैंड फार्मा का शेयर अपने निर्गम भाव के मुकाबले अब 29 प्रतिशत गिरकर 1,070 रुपये पर आ चुका है और अपने ऊंचे स्तरों से इसमें 66 प्रतिशत तक बड़ी गिरावट दर्ज की जा चुकी है।
विश्लेषक इसे लेकर एकमत नहीं हैं कि क्या निवेशकों को शेयर कीमतों में बड़ी गिरावट का लाभ उठाना चाहिए या नहीं, क्योंकि अल्पावधि परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है।
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ब्लूमबर्ग के करीब 50 प्रतिशत विश्लेषकों ने इस शेयर को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है। मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर के लिए 1,460 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है और अगले 12-15 महीनों के दौरान कंपनी द्वारा सुस्त सुधार दर्ज किए जाने का अनुमान जताया है।
एफऐंडओ से बाहर होने से इंटलेक्ट पर बढ़ेगा दबाव
एनएसई ने इंटलेक्ट डिजाइन एरेना को 28 जुलाई से डेरिवेटिव सेगमेंट से बाहर किए जाने की घोषणा की है। अगस्त सीरीज की शुरुआत के बाद से ही इस शेयर में नए अनुबंध नहीं होंगे।
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नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के अनुसार मौजूदा समय में इस शेयर में ओपन इंटरेस्ट करीब 265 करोड़ रुपये है। ब्रोकररेज फर्मा द्वारा कराए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एफऐंडओ सेगमेंट से बाहर होने वाले शेयरों पर दबाव बढ़ जाता है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हाल के उदाहरणों में, 10 में से आठ बार ऐसा देखा गया कि इस सेगमेंट से बाहर किए जाने की घोषणा से एक सप्ताह पहले संबंधित शेयर में 1.9 प्रतिशत की औसत गिरावट आई, और 10 में से 7 बार शेयर में 2.5 प्रतिशत की औसत गिरावट आई।’