जुलाई तक देश में सभी शेयर ब्रोकरों को अपनी वेबसाइट पर इक्विटी वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में कारोबार से जुड़े जोखिम संबंधित खुलासों की जानकारी देनी होगी। उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि कुछ खास निवेशकों को डेरिवेटिव कारोबार से जुड़े जोखिमों के प्रति चेताने के लिए यह सेबी द्वारा नियोजित उपायों में से एक है।
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा है, ‘हालांकि निवेशकों द्वारा निवेश के निर्णय अपनी स्वयं की आकलन प्रक्रिया और जोखिम सहन करने की क्षमता पर आधारित होते हैं, लेकिन उन्हें डेरिवेटिव में कारोबार से जुड़े जोखिमों के बारे में स्पष्ट जानकारी देना जरूरी है। ’