भारतीय इक्विटी में तेजी के बीच जून तिमाही में देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी एनएसई में सूचीबद्ध फर्मों में घटी है।
1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी वाली 295 कंपनियों में एलआईसी का हिस्सा मार्च तिमाही में रहा 3.83 फीसदी से घटकर 3.74 फीसदी रह गया। प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। जून 2012 की तिमाही में एलआईसी की हिस्सेदारी हालांकि 5 फीसदी के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
एफपीआई या एमएफ की तरह देसी शेयरों को आगे बढ़ाने के लिए बीमा कंपनियां नही जानी जाती, लेकिन विगत में उसने बाजार को बड़ी गिरावट से बचने में मदद की है। एलआईसी की अगुआई में देसी बीमा कंपनियों ने पिछले साल मार्च व अप्रैल में इक्विटी खरीद बढ़ाई थी और इस तरह से कोविड-19 महामारी के कारण बाजार में आई गिरावट के बीच आकर्षक मूल्यांकन का फायदा उठाया था।
उच्च मूल्यांकन और इस साल बाजार में लगातार आई तेजी से बीमा कंपनी शायद कुछ मुनाफावसूली के लिए प्रोत्साहित हुई होगी। प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, पिछली दो तिमाहियों से एलआईसी मुनाफावसूली कर रही है। वैल्यू के लिहाज से 30 जून को एलआईसी की हिस्सेदारी 8.43 लाख करोड़ रुपये की थी, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 9.88 फीसदी ज्यादा है, जिसकी वजह बाजार में आई तेजी है। कई कंपनियों में एलआईसी का स्वामित्व पिछली तिमाही के 0.85 फीसदी के मुकाबले मामूली घटकर 0.84 फीसदी रह गया है।
जिन कंपनियों के शेयर एलआईसी ने सबसे ज्यादा बेचे उनमें एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक शामिल है। इसके अलावा उसने आरआईएल, टेक महिंद्रा और मारुति सुजूकी के शेयर सबसे ज्यादा खरीदे।
पिछली तिमाही में एनएसई में सूचीबद्ध 76 कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी बढ़ी। इस अवधि में इन कंपनियों के शेयरों की कीमतें औसतन 16.7 फीसदी बढ़ी। 91 कंपनियों में उसकी हिस्सेदारी घटी, जिसकी औसत कीमतें इस दौरान 26.5 फीसदी बढ़ी। प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी, अन्य बीमा कंपनियों की तरफ से हो रहे निवेश में बड़ी हिस्सेदारी बनाए हु्रए है और उसकी हिस्सेदारी 76 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी, 2021 में समाप्त वर्ष में एलआईसी में यूलिप के प्रीमियम में 1,592 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई। बीमा दिग्गज ने 2019-20 की आखिरी तिमाही में ऐसी तीन योजनाएं पेश की थी।
यूलिप में परिसंपत्ति आवंटन हर ग्राहक का अलग-अलह होता है, लेकिन इसका 75 फीसदी मोटे तौर पर शेयरों में निवेश होता है। पारंपरिक योजनाएं मसलन टर्म, एन्डोमेंट, होल लाइफ पॉलिसी लंबी अवधि की योजनाएं हैं और इनका 5 से 20 फीसदी शेयरों में निवेश होता है।