देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (क्यूएसआर) फर्म जुबिलैंट फूडवर्क्स का शेयर जनवरी के शुरू से अब तक 23 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है और अभी यह अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर के नजदीक कारोबार कर रहा है। मौजूदा मंदी के साथ साथ प्रतिस्पर्धी दबाव की वजह से दिसंबर तिमाही में पिज्जा श्रेणी में सुस्ती के बाद ब्रोकरों ने इस शेयर को डाउनग्रेड किया है।
कंपनी ने डिलिवरी बिजनेस में 6.2 प्रतिशत वृद्धि की मदद से सालाना आधार पर 3 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की। हालांकि इस पर डाइन-इन सेगमेंट में गिरावट से दबाव पड़ा। इस सेगमेंट में 5.6 प्रतिशत की कमजोरी आई। जुबिलैंट के राजस्व में डिलिवरी खंड का योगदान करीब 65 प्रतिशत रहा। इस खंड के लिए वृद्धि को बिक्री और मजबूत ऑर्डर वैल्यू के समावेश से मदद मिली थी। इलारा सिक्योरिटीज का कहना है कि मौजूदा प्रदर्शन को बरकरार रख पाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि संपूर्ण मांग अल्पावधि में सुस्त बनी हुई है।
दिसंबर तिमाही के लिए कंपनी की लाइक-फॉर-लाइक (एलएफएल) वृद्धि एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 2.9 प्रतिशत घट गई। डाइन-इन सेगमेंट पर दबाव और त्योहारी सीजन और क्रिकेट वर्ल्ड कप से सकारात्मक बदलाव नहीं दिखने से इस वृद्धि पर प्रभाव पड़ा। पिज्जा बाजार दिग्गज के लिए एलएफएल वृद्धि में गिरावट वाली यह लगातार चौथी तिमाही थी।
कई ब्रोकरों का मानना है कि श्रेणी के साथ साथ एग्रीगेटरों से भी प्रतिस्पर्धी चुनौतियां बनी हुई हैं। बीएनपी पारिबा रिसर्च के कुणाल वोरा का कहना है, ‘सर्वाधिक डिलिवरी-अनुकूल विकल्प पिज्जा को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि ग्राहकों के लिए व्यंजन के कई अन्य विकल्प भी उपलब्ध हो गए हैं। जहां मुद्रास्फीति से मांग प्रभावित हो सकती है वहीं अन्य कारकों पर भी नजर रखने की जरूरत होगी। हमारा मानना है कि सुधार की राह बाजार अनुमान के मुकाबले ज्यादा लंबी हो सकती है।’
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि वित्त वर्ष 2019 से एग्रीगेटरों ने तेजी से अपना आकार बढ़ाया है। जोमैटो के रेस्टोरेंट भागीदारों की संख्या 4 गुना बढ़ी है। सकल ऑर्डर वैल्यू में वृद्धि भी मजबूत रही। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही तक जोमैटो के रेस्टोरेंट की संख्या 254,000 थी जो सूचीबद्ध क्यूएसआर फर्मों के कुल स्टोरों के मुकाबले 48 गुना है। इससे ग्राहकों के मौजूदा विकल्प बढ़े हैं।
बीएनपी पारिबा रिसर्च ने इस शेयर पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है, क्योंकि उसका मानना है कि तेज रिकवरी और मजबूत दीर्घावधि बिक्री वृद्धि का असर शेयर भाव पर पूरी तरह नहीं दिखा है। यह शेयर वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान बिक्री वृद्धि और मार्जिन में मजबूत सुधार के अनुमान के बाद अपने वित्त वर्ष 2026 के पीई अनुपात के 60 गुना पर कारोबार कर रहा है। ब्रोकरेज का मानना है कि रिस्क/रिवार्ड संतुलन प्रतिकूल है और निराशा की ज्यादा आशंका है।
राजस्व पर दबाव के अलावा कंपनी और इस क्षेत्र को मार्जिन के मोर्चे पर भी चुनौती का सामना करना पड़ा है। जुबिलैंट के लिए सकल मार्जिन वृद्धि सालाना आधार पर 120 आधार अंक की तेजी के साथ 76.7 रही। प्रोत्साहन लागत संबंधित खर्च की वजह से परिचालन मुनाफा मार्जिन तिमाही आधार पर सपाट रहकर 20.9 प्रतिशत दर्ज किया गया। कंपनी के विज्ञापन खर्च में भी इजाफा हुआ।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक नवीन त्रिवेदी का मानना है, ‘चूंकि अल्पावधि मांग नरम रहने के आसार हैं, इसलिए हमें परिचालन के संदर्भ में भी आंकड़ों में तुरंत कोई सुधार आता नहीं दिख रहा है।’