जेपी मॉर्गन की भारतीय फंड यूनिट हाल में हुई गिरावट के बाद भी यहां के उद्योग और बुनियादी क्षेत्र को लेकर आशावान है।
कंपनी की मासिक फैक्टशीट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों के शेयरों में हुई तेज गिरावट का प्रमुख कारण यह है कि इन्हें कमोडिटी की बढ़ती कीमतों से पैदा हुई स्थिति का सामना करने की अपनी क्षमताओं पर संदेह है।
फंड यूनिट के अनुसार उसने उसके पोर्टफोलियो में शामिल हर बिजनेस का विश्लेषण किया है। अधिकांश में उसने पाया कि शेयर बाजार की प्रतिक्रिया काफी असामान्य थी। उसे उम्मीद है कि जब बाजार इन कंपनियों के प्रदर्शन पर विचार करेगा तो इनकी कीमतें बढ़ेंगी। कंपनी को यह कहने में कोई झिझक नहीं कि इनमें से कुछ बिजनेस उनकी पसंद के बने रहेंगे, यदि बाजार इनके शेयरों की कीमतों को अविवेकपूर्ण ढंग से नीचे टपका दे।
एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार बीएसई का कैपिटल गुड्स सूचकांक इस साल 41 फीसदी गिरा, जबकि इस दौरान शेयर सूचकांक 27 फीसदी ही गिरा। इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन फर्म पुंज लॉयड और ट्रांसमिशन कंपनी कल्पतरु पॉवर ट्रांसमिशन के शेयर 50 फीसदी से अधिक गिरे।
जेपी मॉर्गन का मानना है कि इस क्षेत्र में कारोबार कर रहीं कंपनियों के पास धन की कमी नहीं है। इन्हें सरकार की नीतियों का भी लाभ मिलेगा। सरकार ने अगले चार से पांच सालों में देश के यातायात और बिजली की स्थिति सुधारने के लिए 500 अरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता बताई है।