जियो फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) के निदेशक मंडल ने बुधवार को कंपनी में तरजीही वॉरंट के जरिये प्रवर्तक इकाइयों के 15,825 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की मंजूरी दे दी। जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का शेयर बुधवार को 320 रुपये पर सपाट बंद हुआ।
कंपनी ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी जानकारी में बताया कि यह धनराशि 316.50 रुपये प्रति वॉरंट की कीमत वाले 50 करोड़ वॉरंट जारी करके जुटाई जाएगी। इन्हें 306.50 रुपये के प्रीमियम पर 10 रुपये अंकित मूल्य वाले इक्विटी शेयर में बदला जा सकेगा। यह हाल के दिनों में भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में जुटाई गई सबसे बड़ी धनराशि में से एक होगी।
कंपनी के एक बयान के अनुसार वॉरंट दो प्रवर्तक समूह संस्थाओं सिक्का पोर्ट्स ऐंड टर्मिनल्स और जामनगर यूटिलिटीज ऐंड पावर प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किए जाएंगे जो शेयरधारकों और नियामकीय मंजूरी के अधीन होंगे। पूर्ण रूपांतरण के बाद प्रवर्तक समूह की संयुक्त हिस्सेदारी 10.17 फीसदी बढ़ जाएगी। अंबानी परिवार के स्वामित्व वाली प्रवर्तक संस्थाओं के पास कंपनी की 47 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बयान में कहा गया है कि प्रवर्तक संस्थाओं में सिक्का पोर्ट्स ऐंड टर्मिनल्स की हिस्सेदारी 1.08 फीसदी से बढ़कर 4.65 फीसदी हो जाएगी जबकि जामनगर यूटिलिटीज ऐंड पावर की हिस्सेदारी 2.02 फीसदी से बढ़कर 5.52 प्रतिशत हो जाएगी। ये वॉरंट आवंटन की तारीख से 18 महीनों के भीतर पूर्ण चुकता शेयरों में परिवर्तित किए जा सकेंगे। बयान में कहा गया है कि अपरिवर्तित वॉरंट समाप्त हो जाएंगे और उन पर भुगतान की गई राशि जब्त कर ली जाएगी।
एक सूत्र ने बताया कि जुलाई 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई जियो फाइनैंशियल ऋण, बीमा और परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी सक्रिय रूप से बढ़ा रही है। प्रवर्तकों से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल मुख्य रूप से बीमा क्षेत्र में प्रवेश के लिए किया जाएगा।
19 जुलाई को जियो फाइनैंशियल सर्विसेज ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आलियांज यूरोप बी वी के माध्यम से म्यूनिख के आलियांज समूह के साथ 50:50 पुनर्बीमा संयुक्त उद्यम समझौता किया। कंपनी ने भारत के जीवन और सामान्य बीमा क्षेत्रों में अतिरिक्त संयुक्त उद्यम बनाने के लिए आलियांज समूह के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
हाल के महीनों में कई वित्तीय सेवा कंपनियां निवेशकों और प्रवर्तकों से रकम जुटा रही हैं। इस महीने की शुरुआत में अदार पूनावाला की प्रवर्तक इकाई ने पूनावाला फिनकॉर्प में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश को मंज़ूरी दी, जिससे उसकी नेटवर्थ 9,700 करोड़ रुपये हो गई और उसकी खुदरा विस्तार रणनीति को बल मिला। टाटा संस की गैर-सूचीबद्ध वित्तीय सेवा इकाई टाटा कैपिटल भी बढ़ते भारतीय वित्तीय सेवा बाज़ार में वृद्धि के लिए धन जुटाने जा रही है।