facebookmetapixel
REITs को मार्केट इंडेक्स में शामिल करने की तैयारी, निवेश को मिलेगी नई उड़ान; सेबी लाएगी आसान नियमविदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं? जानें इसके लिए कैसे मिलता है लोन और क्या-क्या है जरूरीक्या सोना अब और टूटेगा? जानिए क्यों घट रही हैं कीमतें47% चढ़ सकता है सर्विस सेक्टर कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने BUY रेटिंग के साथ शुरू की कवरेजGroww Q2 Results: दमदार तिमाही से शेयर 7% उछला, मुनाफा 25% बढ़ा; मार्केट कैप ₹1 लाख करोड़ के पारNifty-500 में रिकॉर्ड मुनाफा, लेकिन निफ्टी-100 क्यों पीछे?Sudeep Pharma IPO: ग्रे मार्केट में धमाल मचा रहा फार्मा कंपनी का आईपीओ, क्या निवेश करना सही रहेगा?Smart Beta Funds: क्या स्मार्ट-बीटा में पैसा लगाना अभी सही है? एक्सपर्ट्स ने दिया सीधा जवाबपीएम-किसान की 21वीं किस्त जारी! लेकिन कई किसानों के खाते खाली – आखिर वजह क्या है?Gold and Silver Price Today: सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर दोनों के भाव फिसले

सितंबर में सेवा क्षेत्र की गति सुस्त, PMI गिरकर 60.9 पर; निर्यात और मांग पर असर पड़ा

एचएसबीसी के भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने बताया कि भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अगस्त के हालिया उच्च स्तर से सुस्त हो गईं

Last Updated- October 06, 2025 | 11:09 PM IST
Government Jobs
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारत के सेवा क्षेत्र ने सितंबर में अपनी गति खो दी। एक निजी सर्वे ने सोमवार को बताया कि यह क्षेत्र निर्यात और कारोबारियां गतिविधियां सुस्त होने के अलावा मांग सुस्त होने से प्रभावित हुआ। 

एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) का आंकड़ा सितंबर में गिरकर 60.9 हो गया जबकि यह अगस्त में 15 वर्ष के उच्च स्तर 62.9 पर था। यह लगातार चौथा महीना है कि यह सूचकांक 60 से ऊपर रहा। इसने विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की जबरदस्त मांग को भी रेखांकित किया है। 

सर्वे ने इंगित किया, ‘भारत की सेवा अर्थव्यवस्था की संचालन गतिविधियों के लिए सितंबर में स्थितियां अनुकूल रहीं। सितंबर में मांग में सुधार के रुझान ने कुल नए ऑर्डर, निर्यात, रोज़गार और व्यावसायिक गतिविधियों में और वृद्धि को बल दिया। हालांकि अगस्त के बाद से सभी चार मामलों में विस्तार की दर में कमी आई है।’

उत्साहजनक रूप से खर्चों में मामूली वृद्धि ने मुद्रास्फीति को कम करने में मदद की। इसके अलावा आने वाले वर्ष में उत्पादन के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ। यह सूचकांक 50 के स्तर से ऊपर होना तटस्थ है और यह स्तर गिरावट व विस्तार को अलग करता है। यह लगातार 50वां महीना है जब सूचकांक इस स्तर से ऊपर रहा। 

एचएसबीसी के भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने बताया कि भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अगस्त के हालिया उच्च स्तर से सुस्त हो गईं। इसका कारण संकेतकों का सुस्त होना था। हालांकि सर्वेक्षण में यह कहीं भी इंगित नहीं किया गया है कि सेवा क्षेत्र में वृद्धि की गतिविधियों में बड़ा घाटा हुआ है। सर्वेक्षण ने रोजगार के स्तर पर कहा कि सितंबर में नौकरियों का सृजन सुस्त हुआ। रोजगार सुस्त गति से आगे बढ़ा। सर्वे में शामिल पांच प्रतिशत कंपनियों ने रोजगार वृद्धि दर्ज की थी। 

First Published - October 6, 2025 | 11:09 PM IST

संबंधित पोस्ट