NFO Alert: एसेट मैनेजमेंट कंपनी इन्वेस्को म्यूचुअल फंड (Invesco Mutual Fund) कंजम्प्शन थीम पर नई स्कीम लेकर आया है। फंड हाउस के मुताबिक इन्वेस्को इंडिया कंजम्प्शन फंड (Invesco India Consumption Fund) में निवेशक 17 अक्टूबर 2025 तक सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं। इसमें 3 अक्टूबर से निवेश शुरू है। इस ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम का फोकस भारत की कंजम्प्शन पावर में बन रहे निवेश के अवसरों पर है। भारत की ग्रोथ स्टोरी को बढ़ती खपत से सपोर्ट मिल रहा है और इससे लंबी अवधि में निवेश का मौका है।
फंड हाउस का कहना है कि भारत में कंज्यूमर का तौर-तरीका तेजी से बदल रहा है। बढ़ती आमदनी, तेजी से हो रहा शहरीकरण और टेक्नोलॉजी की बढ़ती ताकत ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में कंजम्प्शन का पैटर्न बदल रही है। इसके अलावा, क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स ने सहूलियत बढ़ाई है और बाजार की पहुंच का दायरा भी बढ़ाया है। एक्सपर्ट मानते हैं कि भारत में खपत पर आधारित विकास देखने को मिलेगा, जहां बढ़ती महत्वाकांक्षाएं अलग-अलग श्रेणियों में मांग बढ़ा रही हैं।
फंड हाउस का कहना है कि इन्वेस्को इंडिया कंजम्प्शन फंड में न्यूनतम 1,000 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश शुरू कर सकते हैं। निवेशकों को इसमें SIP के जरिए भी निवेश की सुविधा है। न्यूनतम एसआइपी अमाउंट 100 रुपये है। इस स्कीम का बेंचमार्क इंडेक्स Nifty India Consumption TRI है। इसके फंड मैनेजर मनीष पोद्दार और अमित गनात्रा हैं।
इन्वेस्को इंडिया कंजम्प्शन फंड का निवेश स्ट्रक्चर टॉप-डाउन और बॉटम-अप अप्रोच का कॉम्बिनेशन होगा। विभिन्न मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों में निवेश होगा। इसमें दीर्घकालिक संरचनात्मक अवसरों से लाभान्वित कंपनियों पर फोकस होगा। बेंचमार्क के मुकाबले स्टॉक का ओवरवेट/अंडरवेट पोजिशन संभव है।
स्कीम को लेकर म्यूचुअल फंड हाउस की ओर से दी जानकारी के मुताबिक, भारत में कंजम्प्शन को 5 बड़े फैक्टर बूस्ट दे रहे हैं। इनमें डेमोग्रॉफिक डिविडेंड, टियर 2 और 3 शहरों में ग्रोथ के नए इंजन, उच्च आय वर्ग और प्रीमियम उत्पादों की ओर झुकाव, आसान क्रेडिट और डिजिटाइजेशन शामिल हैं।
भारत की युवा मिलेनियल और जेन जेड आबादी वर्कफोर्स का बड़ा हिस्सा है, जो कंजम्प्शन के लिए पॉजिटिव है। वहीं, उच्च मध्यम और उच्च आय वर्ग की बढ़ती संख्या से डिसक्रेशनल खर्च में बढ़ोतरी और प्रीमियम उत्पादों/सेवाओं की मांग बढ़ रही है। साथ ही टियर 2 और 3 शहरों में ई-रिटेल की मजबूत ग्रोथ दिखाई दे रही है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को आसान क्रेडिट और डिजिटाइजेशन का फायदा मिल रहा है।
फंड हाउस का कहना है कि यह स्कीम ऐसे निवेशकों के लिए है जो लंबी अवधि में कैपिटल एप्रिसिएशन चाहते हैं, उन कंपनियों में निवेश जो खपत थीम से फायदा हो रहा है। इस स्कीम में एग्जिट लोड का जरूर ध्यान रखें। 3 महीने के भीतर रिडेम्पशन/स्विच आउट पर 0.50% एग्जिट लोड देना होगा।
फंड हाउस का कहना है कि यह स्कीम भारत की कंजम्प्शन स्टोरी से लाभ उठाने के लिए तैयार की गई है और उन सेक्टर्स व कंपनियों में निवेश करती है जो बढ़ती आय, शहरीकरण और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं से लाभान्वित होने की स्थिति में हैं। इन सेक्टर्स में कंजम्पशन सर्विसेज और ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, टेलिकॉम, रियल्टी, फास्ट मूविंग कंजम्पशन गुड्स, फाइनेंशियल – कैपिटल मार्केट्स, हेल्थ और वेलनेस शामिल हैं।
(डिस्क्लेमर: यहां एनएफओ की जानकरी दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)