वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का मानना है कि वर्ष 2025 भारत के लिए मौद्रिक नीति में नरमी वाला वर्ष हो सकता है, क्योंकि ऋण और जमा वृद्धि के बीच का अंतर कम होता दिख रहा है। जेफरीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इसके अलावा, असुरक्षित ऋणें में धीमी वृद्धि के साथ साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में नरमी की वजह से भी दर कटौती चक्र शुरू किए जाने की जरूरत है।
इन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए जेफरीज ने ऐक्सिस बैंक (शेयर का कीमत लक्ष्य 1,500 रुपये से घटाकर 1,430 रुपये किया), आईसीआईसीआई बैंक (कीमत लक्ष्य 1,550 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये किया), एचडीएफसी बैंक (कीमत लक्ष्य 2,020 रुपये से बढ़ाकर 2,120 रुपये) और इंडसइंड बैंक (कीमत लक्ष्य 1,470 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये) पर अपनी ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।
उसने भारतीय स्टेट बैंक के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखते हुए कीमत लक्ष्य 1,030 रुपये से घटाकर 970 रुपये कर दिया है। जेफरीज ने कोटक महिंद्रा बैंक को ‘होल्ड’ से अपग्रेड करके ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और शेयर का नया कीमत लक्ष्य 2,080 रुपये से बढ़ाकर 2,120 रुपये कर दिया है।
जेफरीज के अनुसार, असुरक्षित ऋण वितरण में वृद्धि 2024 के अंत में घटकर 15 फीसदी रह गई, जबकि मार्च 2024 के अंत तक यह 19 फीसदी थी। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए बैंक उधारी भी 15 फीसदी के मुकाबले धीमी पड़कर 6 प्रतिशत रह गई है, बैंक ऋण और जमा वृद्धि अनुरूप दिख रही है। वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर घटकर वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 5 प्रतिशत रह गई है।