निक्केई 225 सूचकांक सोमवार को पहली बार 40,000 के निशान पर पहुंचा। अपनी तेजी को जारी रखते हुए सूचकांक ने फरवरी में अपने 1989 के 34,000 के उच्चतम स्तर को फिर छुआ। वैश्विक निवेशकों ने शेयरधारकों के सुधरते प्रतिफल, कमजोर येन और कॉरपोरेट लाभ में तेजी की वजह से जापान की सबसे बड़ी कंपनियों पर दांव लगाया है।
विश्लेषक जापान पर उत्साहित बने हुए हैं। जापान के बाजार को मुख्य तौर पर टेक्नोलॉजी शेयरों में आई तेजी से मदद मिली है। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार एआई के बढ़ते इस्तेमाल से जापानी कंपनियों को फायदा होने का अनुमान है, लगभग वैसे ही जैसे अमेरिकी कंपनियों को होगा।
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जापान दूसरे बाजारों से अलग है। वहां की 53 प्रतिशत कंपनियों को एआई लाभार्थी के तौर पर देखा जाता है, जो अमेरिका की भागीदारी (54 प्रतिशत) जितनी है और यूरोप (50 प्रतिशत) से अधिक है। जापान को छोड़कर एशिया प्रशांत (39 प्रतिशत) से भी काफी ऊपर है।’
इस बीच, जापानी कंपनियों के शेयरधारकों को लगातार फायदा पहुंचाने और ज्यादा पूंजी सक्षम बनने की संभावना है। जेफरीज के विश्लेषकों का मानना है कि इससे निवेशक जापानी शेयरों के प्रति आकर्षित होंगे और बाजारों में तेजी को बढ़ावा मिलेगा। उनका अनुमान है कि जापान अगले सात साल में शानदार प्रदर्शन करने वाले बाजारों में से एक होगा।
दमदार प्रदर्शन वाले बाजारों में से एक: जापान 2023 और 2030 के बीच मजबूत प्रदर्शन वाले बाजारों में से एक होगा। जापान में शानदार शेयरधारक प्रतिफल की शुरुआत हो गई है। जेफरीज के अतुल गोयल ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है कि कई वैश्विक निवेशक जापान को अभी भी कमजोर मान रहे हैं लेकिन जल्द ही इस नजरिये में बदलाव आ सकता है।
नियामकीय सुधार और सख्ती: मॉर्गन स्टैनली को सुधारों की उम्मीद है। हमें विश्वास है कि अगर कंपनियों ने ठीक से प्रतिक्रिया नहीं दी तो तोक्यो शेयर बाजार, आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (मेती) और जापान की फाइनैंशियल सर्विसेज एजेंसी (एफएसए) सख्त नियमन पेश करना जारी रखेंगी।
संस्थागत निवेशक गतिविधि: संस्थागत निवेशक गतिविधि में वृद्धि और निवेशकों के गहरे जुड़ाव से निरंतर वैल्यू पैदा हो सकती है। गोयल ने कहा, ‘हमारा मानना है कि पहले के मुकाबले ज्यादा अभियानों, पुनर्खरीद से परे मांग की उच्च गुणवत्ता, बिग-कैप बनने की राह पर अग्रसर कंपनियों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’
सुधार: जेफरीज को लगातार सुधारों से जापान कॉरपोरेट जगत में पहले की तुलना में बड़े बदलाव की उम्मीद है। ऐसे बदलाव जो पिछले कई दशक में भी नहीं हुए हैं। 80 प्रतिशत से ज्यादा जापानी कंपनियां शेयरधारक वैल्यू वृद्धि के लिए प्रदर्शन में सुधार के तोक्यो शेयर बाजार के अनुरोधों पर ध्यान दे रही हैं।
समेकन: गोयल का मानना है कि घरेलू और अनुकूल विलय-अधिग्रहण, सीमा-पार साझेदारियों/संयुक्त उपक्रमों से अगले कुछ वर्षों में बड़ा बदलाव आएगा। दोस्ताना अधिग्रहण की परंपरा बन सकती है।
इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई): जेफरीज का मानना है कि जापानी उद्योग जगत आरओई के मोर्चे पर भरोसा बढ़ाएगा, क्योंकि यह पूंजी को उन संपत्तियों की ओर पुनः आवंटित करता है जो पूंजी की लागत से अधिक रिटर्न दे सकती हैं।
वैश्विक कंपनियां: अगले सात साल के दौरान जापानी उद्योग जगत द्वारा ज्यादा दिग्गज पैदा किए जाने की संभावना है जो वैश्विक मंच पर चमकेंगे। अगले सात साल के दौरान कई दिग्गज कंपनियां तैयार होंगी। हालांकि इनमें से कोई भी वाहन उद्योग की नहीं होंगी जो प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए संघर्षरत रह सकता है।